-नाबार्ड की ओर से द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2022-23 में किया पुरस्कृत
बीरबल शर्मा।
मंडी, 9 फरवरी, मुरारी शर्मा। मंडी की संस्था मंडी साक्षरता एवं जन विकास समिति को राज्य स्तर पर प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड शिमला द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2022-23 किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि उपज का समूहन के अवसर पर बुधवार को वर्ष 2021-22 में श्रेष्ठ कार्य करने केलिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार मंडी साक्षरता एवम् जन विकास समिति के अध्यक्ष हेमंतराज वैद्य ने कृषि मंत्री वीरेंद्र कवंर से प्राप्त किया। यह पुरस्कार स्वयं सहायता समूहों के सुक्ष्म ऋण दिलवाने व गैर कृषि क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए प्रदान किया गया। समिति के महासचिव भीम सिंह ने बताया कि वर्ष 1992 में साक्षरता की अलख जगाने के लिए गठित मंडी साक्षरता समिति ने साक्षरता अभियान में अपनी अह्म भूमिका निभाते हुए सरकार के साथ मिलकर अनेक परियोजनाओं का सफल संचालन किया है। वहीं राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के साथ समिति सन् 2000 से लेकर आज तक निरंतर कार्य कर रही है। समिति में नाबार्ड की स्वयं सहायता समूह परियोजना के माध्यम से मंडी में 5000 से ज्यादा समूहों का गठन करके उन्हें बैंक से जोड़ा तथा 50 हजार से ज्यादा समूहों का गठन करके उन्हें बैंक से जोड़ा। इसके अलावा 50 हजार से ज्यादा महिलाओं को सस्ते ब्याज दर पर 100 करोड़ से ज्यादा ऋण उपलब्ध करवाया। इसके साथ ही 4297 समूहों को अब ई शक्ति परियोजना में जोडक़र इनका डाटा ईशक्ति पोर्टल पर ऑनलाईन किया जा रहा है। जिनकी कुल बचत लगभग 30 करोड़ रूपए है। वर्तमान में इन समूहों ने बैंक से 38 करोड़ रूपए ऋण लिया है। इन समूहों की आमदनी बढ़ाने के लिए हजारों महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किए गए। इसके अलावा मंडी के थाची बालीचौकी में लोहगिरी कलस्टर परियोजना के तहत दो युनिट स्थापित की गई। आजिविका उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत थुनाग में 90 महिलाओं को लाहुली जुराबें व बुनाई का प्रशिक्षण दिया गया है। जबकि सराज के ही जंजैहली केलिए भी परियोजना स्वीकृत की गई है। नाबार्ड के सौजन्य से स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री हेतु थुनाग व मंडी में रूरल मार्ट खोला गया है। गैर कृशि क्षेत्र कार्य के लिए सरोआ में 600 खड्डी बुनकरों के लिए ड़ेढ़ करोड़ रूपए की परियोजना कर स्वीकृति प्राथमिक तौर पर नाबार्ड ने दी है। जिसका शुभारंभ शीघ्र ही होगा। किसान उत्पाद संगठन संवर्धन परियोजना के तहत बगस्याड में डेयरी विकास परियोजना स्वीकृत हुई है जिसमें 200 महिलाओं की एक कंपनी सिराज बैली के नाम से पंजीकृत की गई। यह कंपनी देसी घी की बिक्री शुरू कर चुकी है। इसके साथ ही सरकाघाट में डेयरी तथा हल्दी बनाने की युनिट स्थापित की गई है। जबकि करसोग के माहुनाग में सब्जी उत्पादन पर कार्य शुरू हो गया है। बेरोजगारों को गा्रमीण स्तर पर रोजगार मुहैया करवाने के लिए 950 संयुक्त देयता समूहों का गठन करके उन्हें 19 करोड़ रूपए विभिन्न बैकों से प्रदान किया गया। कोरोना काल में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के द्वारा डेढ़ लाख लोगों को मास्क बनाकर मुफ्त वितरण किया गया। बेराजगारों को ग्रामीण स्तर पर रोजगार मुहैया करवाने के लिए 950 संयुक्त देयता समूहों का गठन करके उन्हें 19 करोड़ रूपये विभिन्न बैंकों से प्रदान किया गया। वहीं पर अपने सामाजिक सरोकारों को निभाते हुए कोरोना काल में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा डेढ़ लाख लोगों को मास्क बनाकर मुफ्त वितरण किया गया। सरकार द्वारा चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना के तहत प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना व सुक्ष्म बीमा योजना में तीन लाख लोगों को जोड़ा गया। जिसमें मंडी साक्षरता एवं जन विकास समिति देश भर में पहले स्थान पर रही है। उसी प्रकार पर्यावरण की रक्षा व स्वच्छता के लिए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने बढ़ चढक़र हिस्सा लिया है तथा 40 हजार से ज्यादा पौधे लगाए। इन सभी कार्यो के सफलतापूर्वक संचालन में समिति से जुड़े हजारों कार्यकर्ताओं का योगदान है।
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