Home » चम्मच से खिला पिलाकर कप्तान नहीं बनाए जाते- कमान संभालती ही धोनी ने कह दी बड़ी बात

चम्मच से खिला पिलाकर कप्तान नहीं बनाए जाते- कमान संभालती ही धोनी ने कह दी बड़ी बात

चम्मच से खिला पिलाकर कप्तान नहीं बनाए जाते- कमान संभालती ही धोनी ने कह दी बड़ी बात

महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अपनी कप्तानी की दूसरी पारी शुरू की है। उन्होंने रविंद्र जडेजा से कमान लेकर रविवार 1 मई को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मुकाबला खेला और चेन्नई सुपर किंग्स की टीम ने इस मैच को 13 रनों से जीतने में कामयाबी भी हासिल की। इस मैच से एक दिन पहले ही रविंद्र जडेजा ने कप्तानी छोड़ दी थी और महेंद्र सिंह धोनी को वापस थमा दी थी। जबकि इससे पहले महेंद्र सिंह धोनी ने इस साल आईपीएल शुरू होने से पहले रविंद्र जडेजा को कप्तानी सौंप दी थी क्योंकि वे भविष्य की ओर देख रहे थे। आपको मैदान पर फैसले लेने होंगे धोनी ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मुकाबला जीतने के बाद कहा, “चम्मच से खिला पिला कर वास्तव में किसी कप्तान की सहायता नहीं कर सकते। आपको मैदान पर फैसले लेने होंगे और आपको उन फैसलों की जिम्मेदारी भी लेनी होगी। जब आप एक बार कप्तान बन जाते हैं तब बहुत सारी चीजों की देखभाल करनी पड़ती है और इसमें आपका अपना खेल भी शामिल है।

धोनी आगे कहते हैं कि, जडेजा का दिमाग बहुत काम कर रहा था। अपने दिमाग को कंट्रोल करना आसान नहीं है यह सबसे मुश्किल है। एक बार जब आपका दिमाग काम करना शुरू कर देता है तो यह और ज्यादा योगदान करना चाहता है। हम सोचते हैं कि किस तरह की टीम को खिला सकते हैं, किस समय किस बॉलर को उतार सकते हैं, यह सब चीजें ज्यादा सहायता नहीं कर सकती है। होता यह है कि एक खिलाड़ी रिलैक्स नहीं हो पाता है। जब वह अपनी आंख बंद कर देता है और नींद लेना चाहता है तो भी उसका दिमाग भी काम करता रहता है। Ads by Ads by सीजन से ही जडेजा को यह पता था धोनी कहते हैं कि उनको लगता है कि इन सब चीजों ने जडेजा की क्रिकेट पर असर डाला है। कप्तानी संभालने के बाद जडेजा की फॉर्म में गिरावट आई और वह 8 मैचों में 112 रन और 5 विकेट ले सके जिसके चलते उनको फिर से अपनी कप्तानी के फैसले पर विचार करना पड़ा। धोनी कहते हैं कि पिछले सीजन से ही जडेजा को यह पता था कि उनको कप्तानी दी जा सकती है और उनको तैयार होने के लिए काफी समय दिया गया था। यह नहीं चाहते कि जडेजा ऐसा महसूस करें धोनी आगे कहते हैं, “शुरुआती दो मैचों में जडेजा को कुछ सूचनाएं दी गई लेकिन उसके बाद मैंने मैच में फैसले करने के लिए उनको छोड़ दिया क्योंकि आप कुछ मैचों के बाद या फिर सीजन के बाद ही यह नहीं चाहते कि जडेजा ऐसा महसूस करें कि कप्तानी तो किसी और ने की और वे केवल टॉस करने के लिए गए थे।” धोनी यह भी बताते हैं कि वे चाहते थे कप्तानी स्टेप बाई स्टेप आगे बढ़े इसी वजह से उन्होंने तय किया कि शुरु के दो मुकाबले में वह फील्डिंग के एंगल को सेट करेंगे और उसके बाद आप अपने आप तय करेंगे की चीजें कैसे होती है क्योंकि आप तभी समझ पाएंगे की कप्तानी क्या है। जडेजा अपनी फॉर्म में वापसी कर सकते हैं धोनी को लगता है कि कप्तानी से मुक्त होने के बाद जडेजा अपनी फॉर्म में वापसी कर सकते हैं। धोनी कहते हैं भले ही आपने अपनी कप्तानी छोड़ दी है लेकिन अगर आप बेस्ट है तो हमको आप की जरूरत है। वरना हम एक महान फील्डर को खो देंगे। हम डीप मिडविकेट फील्डर के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमने 17-18 कैच छोड़े हैं और यह चिंता की बात है। उम्मीद है कि हम मजबूती से वापसी करेंगे। अभी कुछ समय बाकी है और कुछ मुश्किल मैच रहे है। जरूरी है कि हम गेंदबाजों के साथ वार्तालाप जारी रखें।

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