देहरादून में आयोजित 30वें खान पर्यावरण और खनिज सरंक्षण सप्ताह समारोह में खान मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने किया पुरस्कृत।
भारतीय खान ब्यूरो देहरादून के अंतर्गत तीन राज्य हिमाचल ओर उत्तराखण्ड की 23 खानों के निरीक्षण के दौरान चुनी गई सर्वश्रेष्ठ खान।
भारतीय खान ब्यूरो देहरादून के तत्वाधान में मनाए गए 30वें खान पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण सप्ताह का पुरस्कार वितरण समारोह शुक्रवार को देहरादून में मनाया गया। जिसके मुख्य अतिथि भारत सरकार खान मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव व भारतीय खान ब्यूरो के महानियंत्रक संजय लोहिया थे और विशिष्ट अतिथि के रूप में आईबीएम उत्तरी क्षेत्र के खान नियंत्रक रजनीश पुरोहित थे । इस अवसर क्षेत्रीय खान नियंत्रक मनीष कुमार मेहंदीरत्ता, ACC प्लान्ट हेड अमिताभ सिंह, आयोजक समिति के सचिव एसीसी सीमेंट के पंकज नयन रहे.
मुख्य अतिथि भारत सरकार खान मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव व भारतीय खान ब्यूरो के महानियंत्रक संजय लोहिया ने अपने संबोधन में कहा कि देहरादून रीजन बहुत छोटा है लेकिन बहुत महत्वपूर्ण रीजन भी है. पहाड़ी क्षेत्र में खनन करना एक कठिन और संवेदनशील कार्य हैं.कहा की संसाधन और मूलभूत सुविधाओं की कमी होने कारण पहाड़ी क्षेत्र में माइनिंग करना एक चुनौतीपूर्ण काम है. कहा हम बधाई देते हैं कि आप लोंगों ने यह पहल की है कहा कि हिमालय क्षेत्र में पर्यावरण को बचाए रखना भी हमारी जिम्मेदारी है और इसे प्राथमिकता के आधार पर लेना होगा. उन्होंने कहा कि अगर समय पर आप पर्यावरण के प्रति सचेत नहीं हुए तो इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि पर्यावरण और खनिज सरंक्षण सप्ताह के दौरान एक दुसरे के बारे में जानने का अवसर मिलता है अच्छे काम देखने से लोंगों को प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा पिछले ढेढ़ वर्षों में खान नियम कानून में बहुत महत्वपूर्ण बदलाव किये गए हैं, कहा की एक पारदर्शिता लाने का प्रयास किया गया है, नियम बदलने से शुरू में थोड़ी कठिनाई हो सकती है लेकिन बाद में सुलभ हो जायेगा. कहा की सरकार ने 2015 में माइंस एक्ट में बड़ा बदलाव किया है जिसके अंतर्गत अब नई खाने नीलामी के माध्यम से आबंटित की जाएगी इस विषय पर पुरे देश में व्यापक व्यवस्था शुरू कर दी गई है जो एक सरल प्रक्रिया होगी जिससे अधिक से अधिक खाने नीलम की जा सकें. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने नीलामी प्रक्रिया के नियम बना दिए हैं लेकिन राज्य सरकारें को नीलामी करनी है उनकी तरफ से अभी थोड़ी कमी रह गई है. अभी एक वर्ष में 182 खानों की नीलामी गई है 66 और खानों की प्रक्रिया पूरी हो गई है. उन्होंने कहा नई खानों के लिए एक्स्प्लोरेशन की प्रक्रिया सरल की गई है . उन्होंने कहा की पहले सरकारी विभाग ही एक्स्प्लोरेशन एजेंसी होती थी लेकिन अब सरकार ने प्राइवेट एक्स्प्लोरेशन एजेंसी को भी नोटिफाई करने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि अगर पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कार्य करेंगें तो सभी विभाग आप को सहयोग करेंगें नहीं तो आने वाले दिनों में खनन कार्य करना कठिन हो जायेगा .
विशिष्ट उत्तरी क्षेत्र के खान नियंत्रक रजनीश पुरोहित ने इस अवसर पर कहा कि यह ख़ुशी की बात है कि इस सप्ताह को पिछले 30 वर्षों से मनाया जा रहा है इसलिए अब खान पर्यावरण और खनिज सरंक्षण की जिम्मेदारी खनन मालिकों पर अधिक हो गई है . उन्होंने कहा की हम यह अपेक्षा करते हैं कि अगले वर्ष इस क्षेत्र से कम से कम 5 और खाने 5 स्टार बनें.
इससे पहले 30 वां खान पर्यावरण एवं खनिज सरंक्षण सप्ताह 23 मार्च से 29 मार्च तक मनाया गया था। जिस दौरान देहरादून क्षेत्र के अंतर्गत आने छः मशीनीकृत ओर 17 अर्ध मशीनीकृत खानों का निरीक्षण दो विशेषज्ञों की टीम ने किया था। टीम में वरिष्ठ खान अभियंता, भूवैज्ञानिक सहित वरिष्ठ खान प्रबन्धक मौजूद थे। निरिंक्षण के दौरान 10 अलग अलग वर्ग में अंक दिए गए थे। निरीक्षण के दौरान उच्च मूल्यांकन समिति द्वारा अंक दिए गए, जिसके उपरांत ही सभी खानों को पुरस्कृत किया गया।
मशीनीकृत वर्ग में एसीसी सीमेंट की गगल लाइम स्टोन खान को सर्वश्रेष्ठ खान से पुरस्कृत किया गया। मशीनीकृत वर्ग में दूसरे स्थान पर अम्बुजा सीमेंट की कश्लोग खान ओर तृतीय स्थान पर अल्मोड़ा मेग्नेसाइट की झिरोली मेग्नेसाइट खान को चुना गया।जबकि अर्धमशिनीकृत वर्ग में जय सिंह ठाकुर एंड संस की बल्दवा लाइम स्टोन खान को सर्वश्रेष्ठ खान का पुरस्कार दिया गया। इसी वर्ग में दूसरे स्थान पर कपिल एन्ड गौरव आंनद की हीयोना लाइम स्टोन माइन और तीसरे स्थान पर वीके वालिया की भूतमड़ी लाइम स्टोन माइन को चुना गया
इन खानों को भी किया पुरस्कृत।
देहरादून में आयोजित 30 वें खान पर्यावरण एवं खनिज सरंक्षण सप्ताह में वृक्षारोपण, जमीन का पुनः सुधार, वेज्ञानिक तरीके से खान के सुधार, अपशिष्ट मलबे के प्रबंध, भूमि का सुधार, पर्यावरण को नियनत्रित करना, प्रचार प्रसार, स्वच्छता आदि के क्षेत्रों में प्रथम, द्वितीय को तृतीय पुरस्कार दिया गया। जिसमें अर्धमशिनीकृत वर्ग में बल्दवा खान, हियोना लाइम स्टोन माइन, भूतमड़ी लाइम स्टोन माइन, संगड़ाह लाइम स्टोन माइन, बनोर लाइम स्टोन माइन, जालम सिंह फौजी की बड़वास खान,दीपक चावल को बनोर लाइम कुश परमार, सोहन सिंह मीत सिंह, स्टोन माइन, सत्या तोमर, गिरी लाइम, बरवाना लाइम स्टोन माइन, नोहराधार लाइम स्टोन माइन को पुरस्कृत किया गया। मशीनीकृत वर्ग में गगल लाइम स्टोन, कश्लोग लाइम स्टोन माइन, झिरोली मेग्नेसाइट ओर मानल लाइम स्टोन माइन को अलग अलग श्रेणी प्रथम ,द्वितीय ओर तृतीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर एसीसी सिमेंट के माइनिंग हेड पंकज नयन , अल्ट्राटेक सीमेंट से माइनिंग हेड डी.आर.बेनीवाल , अल्मोड़ा खान के एमडी योगेश शर्मा , अंबुजा सिमेंट से माइनिंग हेड राजीव प्रसाद , सिरमौर माइन ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर, आर पी तिवारी,कपिल आनंद, सुप्रियांक वालिया, अशोक ठाकुर, प्रवेश चौहान, अशोक छाबड़ा , डी.के सिन्हा , भारतीय खान ब्यूरो से अधिकारी दीपक शर्मा , दामोदर शर्मा , शैलेंद्र सकलानी, नरेन्द्र मालिक, तथा सिरमौर खनन उद्योग से आए खनन मालिक , खान प्रबंधक व खनन कर्मी मौजूद रहे।
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