शिमला,10,मई,2022,– देश के मेक इन इंडिया विजन में योगदान करने और कार्बन उत्सर्जन में तेजी से कमी लाने के अपने प्रयास में टोयोटा समूह की कंपनियों ने 4,800 करोड़ रुपये के अपने कुल निवेश में से 4,100 करोड़ रुपये के निवेश के लिए कर्नाटक सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत करने की घोषणा की है। यह घोषणा लाखों ग्राहकों का दिल जीतकर भारत में 25 साल की यात्रा पूरी होने की टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की सफलता से मेल खाती है। टोयोटा समूह की कंपनियों में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और टोयोटा किर्लोस्कर ऑटो पाट्र्स शामिल हैं। इस संबंध में हुए समझौते के भाग के रूप में टोयोटा समूह की कंपनीज भारत को एक आत्मनिर्भर विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में व्यवस्थित रूप से निवेश करेगी। इस प्रकार सरकार के मेक इन इंडिया और आत्म निर्भर भारत मिशन में योगदान देगी। निवेश का उद्देश्य हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना है जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेंगे। इस निवेश से स्थानीय उत्पादन सुविधाओं के लिए इलेक्ट्रिक पावरट्रेन पाट्र्स और घटकों का निर्माण संभव होगा और इस तरह भारत में विद्युतीकृत वाहन निर्माण की जरूरत पूरी करने में योगदान होगा। टोयोटा पर्यावरण चुनौती 2050 के एक भाग के रूप में, टोयोटा टेलपाइप उत्सर्जन से परे जाकर कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी, ताकि 2050 तक कार्बन तटस्थता लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विनिर्माण और जीवनचक्र में सीओ2 उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा जैसा कि पहले घोषित किया गया था।
विक्रम एस. किर्लोस्कर, वाइस–चेयरमैन, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने कहा कि टोयोटा मेक इन इंडिया के साथ घरेलू उत्पादन को मजबूत करने के लिए विद्युतीकरण की गति को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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