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पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले पर दून कांग्रेस का हल्ला बोल, जमकर की नारेबाजी

पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले पर दून कांग्रेस का हल्ला बोल, जमकर की नारेबाजी

पुलिस भर्ती लिखित परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में कांग्रेस लगातार सरकार पर आक्रामक है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह ने जिला और ब्लॉक स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने के निर्देश दिए थे।  इसी कड़ी में मंगलवार को बद्दी में दून कांग्रेस ने भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियों और धर्मशाला के तपोवन स्थित विस परिसर के बाहर खालिस्तानी झंडे लगाने के मामले में सरकार को घेरा, सड़कों पर उतरकर प्रदेश सरकार के खिलाफ हल्ला बोला व जमकर नारेबाजी की।  दून कांग्रेस के पूर्व विधायक राम कुमार चौधरी के नेतृत्व में काफी संख्या में कांग्रेसी नेताओं व कार्यकर्ताओं नेतहसीलदार बद्दी के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया और इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की साथ ही पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई या फिर हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाने की मांग की है।
— बाक्स —-  भाजपा सरकार पर मिलीभगत का लगाया आरोप
वही मीडिया से बात करते हुए राम कुमार के कहा कि जयराम सरकार हर मोर्चे में फैल हो गई है, यह पहला मौका नहीं है। जब भर्ती परीक्षा में घपला सामने आया हो, पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी है। जनविरोधी सरकार के कार्यकाल में भर्तियों में लगातार गड़बड़ियां हुई हैं। पटवारी, कंडक्टर और जेओए आईटी भर्ती में गड़बड़ियां उजागर होने के बाद अब पुलिस भर्ती में प्रश्नपत्र लीक होना सरकार की नाकामी है।बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की मिलीभगत से यह सब कुछ हो रहा है। जिसके बाद मुख्यमंत्री एसआईटी का गठन कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है। इसलिए मामले की जांच सीबीआई से की जाए। कांग्रेस पार्टी युवाओं के रोजगार से खिलवाड़ नहीं होने देगी।
— बाक्स —– नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे मुख्यमंत्री पूर्व विधायक राम कुमार ने धर्मशाला विस भवन के बाहर खालिस्तानी झंडे लगाने के मामले में सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में सुरक्षा व्यवस्था भी राम भरोसे है। चूंकि लोकतंत्र के मंदिर के बाहर इतनी बड़ी घटना हो जाए और सरकार के खुफिया तंत्र को इसकी भनक तक न लगे। उन्होंने कहा गया कि जो सरकार विधानसभा की सुरक्षा नहीं कर सकती, उससे आम जनता की सुरक्षा की उम्मीद नहीं की जा सकती और आखिर वहां पर सीसीटी कैमरे आज तक क्यों नहीं लगाए गए क़ानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। इसलिए नैतिकता के आधार पर जयराम ठाकुर को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।

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