कांग्रेस पदाधिकारियों की फौज के आगे पार्टी मुख्यालय छोटा पड़ गया है। पहली बार एक साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के बाद अब पार्टी के लिए उन्हें कमरे आबंटित करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में कमरों से ज्यादा अब पार्टी में पदाधिकारी हो गए हैं। वहीं, ओहदे संभालने वाले नेताओं को अलग-अलग रखने की जगह संगठन पदाधिकारियों ने चारों कार्यकारी अध्यक्षों को एक ही कमरा आबंटित कर दिया है और इस कमरे के बाहर चारों पदाधिकारियों की नेम प्लेट भी लगा दी है। यानी कांग्रेस के चारों कार्यकारी अध्यक्ष अब एक ही कमरे में बैठेंगे और यहीं से आगामी रणनीति और चर्चा करेंगे। हालांकि पार्टी की तरफ से तर्क दिया जा रहा है कि चारों कार्यकारी अध्यक्षों के लिए अलग-अलग कुर्सियां लगाई गई हैं और यह व्यवस्था एक बड़े हाल में की गई है। इस साल में अलग-अलग कोनों में भी नेता बैठ सकते हैं। गौरतलब है कि पार्टी ने चार कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष तैनात किए हैं और इन सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इनमें हर्ष महाजन को चुनाव प्रबंधन और वार रूम संभालना है, तो राजेंद्र राणा को मीडिया और प्रचार, पवन काजल को फ्रंटल आर्गेनाइजेशन, जबकि विनय कुमार को विभागों के दायित्व सौंपे गए हैं। इन सभी को लेकर अब आने वाले दिनों में बैठकों का दौर शुरू होने वाला है। ऐसे में सभी कार्यकारी अध्यक्षों को एक ही कमरे में यह बैठकें लेनी पड़ सकती हैं। उधर, कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव हरिकृष्ण हिमराल का कहना है कि बहुत बड़े हाल में यह व्यवस्था की गई है और बहुत कम मौके ऐसे होते हैं जब एक साथ कार्यकारी अध्यक्ष कार्यालय में बैठेंगे। एक साथ नेता तभी आते हैं, जब बड़ी बैठक आयोजित होनी हो और ऐसी बैठकें अकसर बड़े हाल में होती हैं। फिर भी यदि कार्यकारी अध्यक्ष इस पर कोई आपत्ति जताते हैं, तो भविष्य में बदलाव पर विचार किया जा सकता है।
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