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आजादी की वर्षगांठ मनाए जाने के बाद ही पंचायत चुनाव कराए जाने की उम्मीद

आजादी की वर्षगांठ मनाए जाने के बाद ही पंचायत चुनाव कराए जाने की उम्मीद

चंडीगढ़। हरियाणा में पंचायत चुनाव  हाई कोर्ट द्वारा रोक हटाए जाने के बाद भी अभी तुरंत नहीं होने जा रहे है। अभी चुनाव के लिए जरूरी कवायदे भी राज्य निर्वाचन आयोग को पूरी करना है। जिला परिषद और पंचायत समितियों के सदस्यों तथा पंच-सरपंचों के चुनाव कराने  के लिए राज्य निर्वाचन आयोग आगामी 23 मई से मतदाता सूचियों के संशोधन का काम शुरू करेगा। इसके तहत22 जुलाई को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होंगी। इसके 20 दिन के बाद पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी की जा सकती है।

मतलब साफ है कि 15 अगस्त के बाद ही चुनाव कराए जा सकते हैं। पंचायती राज चुनावों को कराने के लिए पंचायत एवं विकास विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग को चिट्ठी सौंप दी है।इस पर आगे बढ़ते हुए राज्य चुनाव आयोग ने सभी जिला उपायुक्तों सह जिला निर्वाचन अधिकारी को मतदाता सूचियों को संशोधित करने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। 23 मई से वार्डों के अनुसार मतदाताओं की मसौदा सूची तैयार की जाएगी।

मतदाता सूचियों को नवीनतम करने के लिए पूरे दो महीने का समय दिया गया है। इसके बाद 25 दिन का समय चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने में लगता है। चुनाव दो चरणों में कराने पड़े तो एक सप्ताह अतिरिक्त लगेगा। मतदाता सूचियां तैयार होने के बाद इन्हें डिजिटल रूप में राजनीतिक दलों को भी सौंपा जाएगा, ताकि कहीं कोई विवाद की गुंजाइश न रहे।मतदाता सूची में दर्ज लोगों को ही पंचायत चुनाव में मतदान का अधिकार होगा। राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह के अनुसार पंचायत चुनाव में करीब 22 हजार पोलिंग बूथ बनेंगे। सवा छह साल पहले हुए पंचायत चुनाव में 1.11 करोड़ मतदाताओं ने मतदान किया था, जिनकी संख्या बढ़कर अब करीब सवा करोड़ हो गई है।इस दौरान करीब 14 लाख मतदाता बढ़े हैं जो पहली बार पंचायत चुनाव में मतदान करेंगे। प्रत्याशियों को राहत देते हुए चुनाव प्रचार के लिए खर्च की सीमा बढ़ाई गई है। पंच पद के उम्मीदवार 27 हजार 500 रुपये, सरपंच एक लाख 65 हजार, पंचायत समिति सदस्य तीन लाख 30 हजार और जिला परिषद सदस्य के उम्मीदवार पांच लाख 50 हजार रुपये चुनाव प्रचार पर खर्च कर सकेंगे।

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