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कोरोना काल में जान जोखिम में डालने वाले दो हजार से अधिक ठेका कर्मियों को गठबंधन सरकार ने घर भेजा

कोरोना काल में जान जोखिम में डालने वाले दो हजार से अधिक ठेका कर्मियों को गठबंधन सरकार ने घर भेजा
चंडीगढ़। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि कोरोना की भयावह स्थिति के दौरान जिन कर्मियों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर प्रदेश के लोगों की जान बचाने की हिम्मत दिखाई, उन्हें भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार सम्मानित करने की बजाए घर भेज रही है। स्वास्थ्य विभाग में ठेके पर लगाए गए इन 2212 कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई हैं और अब ये फिर से अपना रोजगार हासिल करने के लिए तपती दुपहरी में भी धरने-प्रदर्शन को मजबूर हैं।
      कुमारी सैलजा ने कहा कि कोरोना की वजह से प्रदेश में हालात बिगड़ने लगे तो स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई 2020 में 2212 कर्मियों की ठेके पर भर्ती की थी। इनमें मेडिकल व पैरामैडिकल स्टाफ शामिल था। कोरोना पीड़ितों के पास जब हर कोई जाने से बच रहा था तो इन्होंने अपनी जान को जोखिम में डाला। इनमें से किसी ने कोरोना के सैंपल एकत्रित किए तो किसी ने उन सैंपल की जांच की। किसी ने कोरोना मरीजों को समय पर दवाएं दी तो किसी ने उन तक खाना पहुंचाया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इनकी मेहनत की बदौलत लाखों लोगों की जान बच गई, वरना मौतों का आंकड़ा प्रदेश में और भी भयावह हो सकता था। संसाधनों की कमी के बीच इनकी कड़ी मेहनत और सेवा भाव को देखते हुए प्रदेश सरकार को इन्हें सम्मानित करना चाहिए था, लेकिन सरकार इनके ही पीछे पड़ गई है और 31 मार्च को इनकी सेवाओं को भी समाप्त कर दिया गया।
कुमारी सैलजा ने कहा कि इसके बाद से ये कर्मचारी भयंकर गर्मी के बीच अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं और लगातार धरने-प्रदर्शन का सहारा ले रहे हैं। लेकिन, सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। युवाओं के लिए नए रोजगार सृजित करने की बजाए अब ठेके पर कार्यरत कर्मियों को भी हटाकर घर बैठा रही है, जो कि सरासर गलत है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश भर में स्वीकृत पदों के मुकाबले स्वास्थ्य विभाग में 36 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। जिला अस्पतालों से लेकर स्वास्थ्य केंद्रों तक में मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर्स से लेकर स्टाफ नर्स तक के पद खाली हैं। लेबोरेट्रियों में जांच करने वाले विशेषज्ञों का अभाव है। देखा जाए तो स्टाफ नर्स के दो हजार से ज्यादा, डॉक्टरों के एक हजार से ज्यादा पद खाली हैं। लैब टेक्निशियन व रेडियोग्राफर की पद खाली होने से मरीजों की जांच प्रभावित होती हैं। कुमारी सैलजा ने लचर स्वास्थ्य सेवाओं को देखते हुए हटाए गए 2212 कोविड कर्मियों को तुरंत काम पर लेने के आदेश जारी करने की मांग प्रदेश सरकार से की।

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