लोकतंत्र की मजबूती तथा आम नागरिक को सशक्त बनाने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। यह विचार आज मुख्य राज्य सूचना आयुक्त हिमाचल प्रदेश नरेन्द्र चौहान ने बचत भवन शिमला में आयोजित एक दिवसीय सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 पर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि अपने संबोधन में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत सरकार के कार्यों में पारदर्शिता एवं जवाबदेही तय हुई है तथा प्रभावी एवं भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन प्राप्त कर आम नागरिक सशक्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम को नए पारिका में संबल प्रदान किया है तथा धरातल पर लोकतंत्र प्रणाली को सशक्त बनाने में अहम योगदान रहा है।
उन्होंने कार्यशाला के दौरान सामान्य चर्चा में विभिन्न विभागों से आए जन सूचना अधिकारियों तथा अपीलीय प्राधिकारियों के सवालों का जवाब दिया।
स्वागत संबोधन में उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने कार्यशाला के आयोजन के लिए शिमला बचत भवन के चयन पर आभार व्यक्त करते हुए विश्वास जताया कि एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान अधिनियम के अंतर्गत होने वाली चर्चा के सार्थक परिणाम होंगे।
कार्यशाला में निदेशक प्राथमिक शिक्षा एवं भाषा संस्कृति विभाग पंकज ललित ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए हिमाचल प्रदेश सूचना का अधिकार अधिनियम 2006 के संबंध में भी जानकारी व जागरूकता प्रदान कर ज्ञानवर्धन किया।
सूचना का अधिकार अधिनियम के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन में मीडिया की भूमिका पर बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार अश्वनी शर्मा ने बताया कि सूचना का अधिकार और मीडिया एक दूसरे के पूरक हैं, जिसमें मीडिया ने अत्यंत जागरूक भूमिका निभाई है।
वरिष्ठ अधिवक्ता अंकुश दास सूद ने सूचना का अधिकार के तहत नागरिक के मौलिक अधिकार, निज़ता का अधिकार तथा प्रकटीकरण मानदंडों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
सचिव राज्य सूचना आयोग हिमाचल प्रदेश सोनिया ठाकुर ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि इस कार्यशाला में विभिन्न विभागों के 63 जन सूचना अधिकारी तथा अपीलीय प्राधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने विश्वास जताया कि यह अधिकारी कार्यशाला से जानकारी प्राप्त कर गंभीरता से अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे।
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