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वैदिक काल से है भारतीय जीवन शैली में योग-निसिथ

वैदिक काल से है भारतीय जीवन शैली में योग-निसिथ

कुल्लू 21 जून। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2022 के उपलक्ष्य में अटल टनल, रोहतांग के नार्थ पोर्टल में आईटीबीपी, एनडीआरएफ व सेना के जवानों सहित नेहरू युवा केन्द्र के वॉलन्टियर्ज, आयुष विभाग, आर्ट ऑफ लिविंग तथा अन्य संस्थाओं के लगभग 500 लोगों ने योग करके दिवस के महत्व का समाज को संदेश दिया। इस मौके पर केन्द्रीय खेल व युवा मामले तथा गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रामाणिक बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे जबकि तकनीकी शिक्षा व जनजातीय विकास मंत्री डा. रामलाल मार्कंण्डा, शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर बतौर विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। 10 हजार फुट से अधिक ऊंचाई पर अत्याधुनिक अटल टनल, रोहतांग के उत्तरी छोर पर जो कबाईली जिला लाहौल-स्पिति में पड़ता है, में माईनस एक से तीन डिग्री में योग क्रियाएं करना अपने आप में एक अलग सी अनुभूति है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री निसिथ प्रामाणिक ने कुल्लू व लाहौल-स्पिति जिलों के लोगों व उपस्थित व्यक्तियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि योग भारतवर्ष में वैदिक काल से है और इसका उल्लेख वेदों व पुराणों में मिलता है। जब से सभ्यता भारत में पनपी है तभी से योग इस धरा पर है। योग हमारी प्राचीन भारतीय विरासत का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि योग स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है। योग हमारे मन, शरीर और आत्मा को संतुलित करता है। उन्होंने कहा कि योग की यह अनादि यात्रा अनंत भविष्य की दिशा में ऐसे ही चलती रहेगी।
निसिथ ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयः के भाव के साथ एक स्वस्थ और शांतिपूर्ण विश्व को योग के माध्यम से गति देने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि माइनस तापमान में योग करने का अलग सा अनुभव हुआ है। उन्होंने अटल टनल को देश का गौरव बताया।
इससे पूर्व, जनजातीय विकास मंत्री डॉ. राम लाल मारकण्डा ने अपने गृह विधानसभा क्षेत्र में केन्द्रीय मंत्री का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि योग स्वस्थ जीवन जीने के तौर तरीकों का वर्णन करता है। योग से जीवन अनुशासित होता है। उन्होंने कहा कि योग भारत की धरोहर है और समूची मानव जाति को एकजुट करने की शक्ति इसमें निहित है। योग और प्राणायाम भरतीय संस्कृति और जीवन शैली के प्राण हैं। उन्होंने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिये योग को वरदान माना गया है। सभी लोगों को अपने जीवन में योग को अपनाकर जीवन को स्वस्थ बनाना चाहिए।
मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने योग को आधुनिक जीवन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि हमारे खान पान व रहन-सहन में काफी परिवर्तन आया है। जीवन शैली में आए इस बदलाव के कारण अनेक बीमारियां छोटी आयु में व्यक्ति को घेर रही है। इसका एकमात्र उपचार नियमित तौर पर योग है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में दवाओं का प्रयोग न के बराबर होता है। जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों से बीमारियों का उपचार हो जाता था। उन्होंने कहा कि योग और प्राणायामक ा स्वास्थ्य रक्षा में भारी योगदान है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। योग व्यक्ति को अनेक प्रकार के व्यसनों से भी दूर रखता है। उन्होंने विशेषकर युवाओं का आह्वान किया कि वे में योग और प्राणायाम को  अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। इससे उनके जीवन में अप्रत्याशित परिवर्तन आएगा।
इससे पूर्व, देश के प्रधानमंत्री का योग दिवस पर संदेश सभी लोगों ने एलईडी स्क्रीन के माध्यम से सुना।
आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के योगाचार्य बलदेव ठाकुर, सरिता शर्मा, अनिला डाबरा व शिल्पा सूद ने इस अवसर पर विभिन्न योग क्रियाओं का निर्देशन किया।
योग कार्यक्रम में लाहुल स्पीति व कुल्लू प्रशासन सहित आयुष विभाग, नेहरू युवा केन्द्र संगठन, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, बीआरओ, सेना सहित स्थानीय लोग मौजूद रहे। पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, नगर परिषद मनाली के अध्यक्ष चमन कपूर, उपायुक्त लाहुल नीरज कुमार, उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग, एसपी मानव वर्मा व एसपी गुरदेव शर्मा, आईटीबीपी के डीआईजी प्रेम सिंह सहित एनडीआरएफ, नेहरू युवा केन्द्र संगठन व आयुष विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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