सामुदायिक नेतृत्व, बालिकाओं के संरक्षण और उनके कौशल विकास के लिए आगे आएं महिलाएं
मानसिक दृढ़ता और नैतिक श्रेष्ठता सुदृढ़ नेतृत्व के अनिवार्य गुण हैं। प्रकृति ने ये गुण महिलाओं को सहज ही उपलब्ध कराए हैं। आवश्यकता महिलाओं के इन नैसर्गिक (स्वाभाविक)गुणों को परिष्कृत (तराश) कर समुदाय को एक ऐसा सर्वगुणसंपन्न नेतृत्व प्रदान करने की है जो नई चुनौतियां और संभावनाओं को अवसरों में बदलने की क्षमता रखता हो। उक्त विचार सीडीपीओ सुजानपुर कुलदीप सिंह चौहान ने ग्राम पंचायत जंगल एवं ग्राम पंचायत पटलांदर में ‘सशक्त महिला योजना’ एवं ‘ वो दिन योजना’ के अंतर्गत आयोजित पंचायत स्तरीय जनसंवाद के प्रथम दौर के कार्यक्रमों में जनसमुदाय से संवाद करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आज हमारे पास दुनिया का सर्वाधिक युवा और प्रतिभावान मानव संसाधन (ह्यूमन रिसोर्स)है। स्थानीय स्तर पर ऐसे सामुदायिक नेतृत्व की देश को आवश्यकता है जो बिना लैंगिक पूर्वाग्रह के इस प्रतिभावान मानव संसाधन की प्रतिभा को परिष्कृत(तराश)कर उसे प्रतिस्पर्धी विश्व की आवश्यकता के अनुसार ढाल सके और ग्रामीण क्षेत्रों को आर्थिक शक्ति के केंद्रों के रूप में विकसित कर सके।
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