62, कुल्लू, 9 फ़रवरी।
महिला एकीकृत नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र द्वारा ग्राम पंचायत जरी में जागरूकता शिविर
का आयोजन किया गया जिसमें नशा निवारण के बारे में स्थानीय युवक-युवतियों को विभिन्न जानकारियां प्रदान की गई।
काउंसलर आयुषी ठाकुर ने कहा कि नशा एक बहुत ही बीमारी है इससे बचने के लिए इससे होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानना आवश्यक है।नशे के गिरफ्त में आये युवक -युवतियों का इलाज संभव है यदि समय रहते हुए उन्हें नशा निवारण केंद्र में लाया जाए तथा विभिन्न प्रकार के औषधियां एवं उपचार से उन्हें नशे की लत से बाहर निकाला जा सकता है।
उन्होंने बताया कि नशा मुक्ति केन्द्र में इसके लिए डॉक्टरों की देखरेख में उचित परामर्श एवं दवाइयों के साथ-साथ मेडिटेशन, योगा, खेल एवं विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से नशे के व्यसनी महिला व पुरुषों को नशे की लत से बाहर निकाला जाता है।
परियोजना समन्वयक अनिता ठाकुर ने कहा कि भून्तर स्थित नशा मुक्ति केंद्र में मरीज का उपचार वाहय रोगी या आवासीय रोगी के रूप में किया जाता है। वाहय रोगीयों को निःशुल्क दवाईयां दी जाती है तथा मनोविज्ञानिक/काउंसलर द्वारा रोगी तथा उसके परिवार के सदस्यों के लिए परामर्श सत्रों का आयोजन किया जाता है। गम्भीर लक्ष्णों वाले रोगियों को उनकी सहमति से केन्द्र में भर्ती किया जाता है। आमतौर पर ऐसे रोगियों को 21 दिनों से 30 दिनों तक केन्द्र में ईलाज किया जाता है तथा उपचाराधिन रोगियों को डॅाक्टर तथा स्टाफ नर्सों की निगरानी में उनके बी.पी., तापमान तथा अन्य लैब टैस्ट करवाए जाते है। किसी भी आपात स्थिति में उचित अस्पताल में रैफर करने की व्यवस्था की गइ है। ईलाज के दौरान मनोचिकित्सक काउंसलर द्वारा व्यक्तिगत परामर्श तथा पारिवार के सदस्यों की परामर्श सुविधाएं दी जा रही हैं। उपचार अवधि के दौरान सुबह के समय शारीरिक व्यायाम, ध्यान और योगा प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा करवाएं जाते है। दिन के समय निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विभिन्न गतिविधियों में उन्हे व्यस्त रखा जाता है। रोगियों को केन्द्र में ईलाज के दौरान साफ बिस्तर, नाश्ता, चाय, दोपहर का भोजन, रात का खाना मुफ्त दिया जाता है।
कार्यक्रम में पंचायत प्रधान कृष्णा ने सभी का धन्यवाद किया, कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह के प्रधान व सदस्य उपस्थित रहे।
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