हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी द्वारा संचालित ‘साधनहीन साहित्यकारों एवं कलाकारों को वृत्ति योजना’ के तहत 58 वर्ष की आयु से अधिक वर्ष के ऐसे साहित्यकारों एवं कलाकारों को जिनकी भाषा-साहित्य एवं किसी भी कला विद्या के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा हो, और वे साधनहीन स्थिति में हो, उन्हें समय-समय पर आयोजित कार्यकारी परिषद की बैठक के निर्णयानुसार वृत्ति दिए जाने का प्रावधान है।
यह जानकारी ज़िला भाषा अधिकारी सोलन ममता वर्मा ने दी।
उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत ऐसे साहित्यकार एवं कलाकार जिनका भाषा-साहित्य एवं किसी भी कला विद्या के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा हो, परन्तु अब साधनहीन स्थित में है, ऐसे विशिष्ट संस्कृतिकर्मी जिन्होंने प्रदेश की प्राचीन लिपियों का संरक्षण एवं संवर्धन किया है और प्रदेश की प्राचीन संस्कृति व परम्परा को बनाए रखा है, साधनहीन की परिभाषा वही रहेगी जो बी.पी.एल वर्ग में निर्धारित होगी, साधनहीन साहित्यकार एवं कलाकार की आयु 58 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए, परन्तु शारीरिक/मानसिक अवस्थता की गंभीरता के दृष्टिगत आयु सीमा में छूट दी जा सकती है तथा अन्य किसी स्रोत से पेंशन/वृत्ति लेने वाला व्यक्ति भी इस योजना का पात्र होगा।
ममता वर्मा ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत साधनहीन साहित्यकारों एवं कलाकारों को मासिक वृत्ति एक हजार रुपये कार्यकारी परिषद के निर्णयानुसार दी जाएगी। साधनहीन साहित्यकार एवं कलाकार के लिए यह मासिक वृत्ति आजीवन प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस योजना के अधीन पात्र साहित्यकार एवं कलाकार को निर्धारित प्रपत्र पर सचिव हिमाचल कला संस्कृतिक भाषा अकादमी को आवेदन प्रस्तुत करना होगा। साहित्यकार एवं कलाकार अथवा उनके आश्रितों को अपने क्षेत्र के प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट से आवेदक की मासिक आय का प्रमाण पत्र प्राप्त करके आवेदन के साथ प्रस्तुत करना होगा।
उन्होंने सरकार द्वारा उपरोक्त योजना नियमों की शर्तों की पूरा करने वाले साहित्यकार एवं कलाकार संलग्न आवेदन प्रपत्र भरकर आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन अकादमी कार्यालय को 28 फरवरी, 2023 तक जमा करवा सकते है।
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