
मंडी, 21 फरवरी । किसान जागरूकता कैंप में जागरूक करने आए मास्टर ट्रेनर कैंप अधूरा छोड़ कर भाग गए फलस्वरूप कैंप में भाग ले रही लगभग 50 महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। मामला बल्ह विधानसभा की ग्राम पंचायत गलमा के भलवाणी गांव का है। जागरूकता कैंप में भाग ले रही महिलाओं का कहना है कि उन्हें हमीरपुर ग्रीनवे प्राइवेट लिमिटेड एनजीओ के माध्यम से फोन से अवगत करवाया गया था कि उनके गांव में जागरूकता कैंप लगाया जाएगा। निर्धारित तिथि से एक रोज पूर्व एनजीओ के कर्मी कुछ सामग्री भी गांव में छोड़ गए थे। जैसे ही ग्रामीण महिलाओं को एनजीओ के मास्टर ट्रेनरों ने जहर मुक्त खेती के बारे में अवगत कराना शुरू ही किया था कि किसी का फोन आ जाने पर मास्टर ट्रेनर कैंप छोडक़र वहां से चले गए। जागरूकता कैंप में शामिल होने वाले किसान महिलाओं को निशुल्क प्रदान करने वाली सामग्री भी वही छोड़ गए। जिस पर महिलाएं परेशान हो गई और वार्ड सदस्य शीला देवी ने बताया कि जागरूकता कैंप से मास्टर ट्रेनरों का एकदम से चले जाना सभी के लिए परेशानी बन गया, सभी महिलाएं अपने घर में काम छोडक़र कैंप के लिए आई हुई थी। कृषि विभाग व एनजीओ से महिलाओं को कैंप बंद करने की सही जानकारी न मिलने पर स्थानीय विधायक इंद्र सिंह गांधी को इस मामले की सूचना प्रदान की गई। जिस पर विधायक इंद्र सिंह गांधी आयोजित कैंप में पहुंचे और उन्होंने भी एनजीओ सहित कृषि विभाग से कैंप को आधा अधूरा छोड़ जाने वालों के बारे में जानना चाहा। लेकिन उन्हें भी कोई सही जानकारी इस बारे में नहीं दी गई। जिस पर उपस्थित महिलाओं को उन्होंने भविष्य में कैंप के आयोजन का आश्वासन दिया और निशुल्क प्रदान की जाने वाली सामग्री को ग्रामीण महिलाओं को आवंटित कर दिया। पूर्व जिला परिषद एवं किसान ग्रुप की लीडर रजनी नायक ने बताया कि उन्हें हमीरपुर से सप्ताह भर पहले फोन आया कि आपके किसान ग्रुप का जागरूकता कैंप के लिए चयन हुआ है। ग्रीनवे प्राईवेट लिमिटेड आपके ग्रुप की महिलाओं को प्राकृतिक खेती एवं परंपरागत खेती के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने किसान हितैषी इस योजना को स्वीकारते हुए उन्हें कैंप लगाने की बात कही। लेकिन कैंप के दौरान मास्टर ट्रेनरों के ऐसे चले जाना सभी के लिए परेशानी बन गई। ग्रीनवे प्राइवेट लिमिटेड एनजीओ के प्रबंधक अजय ठाकुर ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों से कम्युनिकेशन गैप होने की वजह से कैंप को बीच में ही बंद कर दिया गया। आने वाले समय में कैंप का आयोजन किया जाएगा। वहीं विषय बाद विशेषज्ञ कृषि बल्ह धर्म सिंह ठाकुर का कहना है कि एनजीओ के द्वारा कृषि विभाग की अनुमति के बगैर ही जागरूकता कैंप का आयोजन किया जा रहा था। जिसकी उन्हें जब जानकारी प्राप्त हुई तो उन्होंने एनजीओ को कैंप बंद करने के आदेश दिए और भविष्य में कैंप लगाने के लिए कृषि विभाग से अनुमति लेकर ही कैंप लगाने को कहां गया। विधायक इंद्र सिंह गांधी का कहना है कि प्रदेश सरकार बदले की भावना से कार्य कर रही है जो कि जनता के हित में नहीं है जारी जागरूकता कैंप को आधा अधूरा छोडऩे के निर्देश जारी करने वाले अधिकारियों व नेताओं को जनकल्याण को ध्यान में रखकर निर्णय लेने चाहिए।
फोटो: ग्राम पंचायत गलमा में आयोजित जागरूकता कैंप में उपस्थित महिलाएं।
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