शिमला,21,फरवरी,2023,लेनोवो फाउंडेशन के साथ साझेदारी में मोटोरोला ने भारतीय क्षेत्रों में बोली जाने वाली दो नई विलुप्त होती भाषाओं कुवी और कांगड़ी को जोड़ने के लिए स्वदेशी भाषा के डिजिटल समावेशन प्रोजेक्ट के अगले चरण की घोषणा की।मोटोरोला की यह पहल भारतीय क्षेत्रों से लुप्त होती स्वदेशी भाषाओं के संरक्षण को सपोर्ट करने में पहला ओईएम बनाती है।इस पहल का उद्देश्य पहली कुवी भाषा लेखन प्रणाली एवं की बोर्ड तथा डिवाइसेस के लिए सम्पूर्ण तरीके से लोकलाइज़्ड कांगड़ी स्मार्टफोन यूजर इंटरफेस प्रदान करके समावेशीता को अपनाने एवं सभी के लिए स्मार्टर टेक्नोलॉजी प्रदान करने की मोटोरोला की प्रतिबद्धता की दिशा में एक सराहनीय कदम है।दुनिया भर की 2,464 लुप्त होती भाषाओं में से 197 लुप्त होती भाषाओं के साथ भारत यूनेस्को एटलस ऑफ़ वर्ल्ड लैंग्वेजेज इन डेंजर की सूची में सबसे ऊपर है जिसके बाद अमेरिका 191 तथा ब्राजील 190 का स्थान आता है।मोटोरोला ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा,हमीरपुर एवं ऊना जिलों के भाषाविदों,विद्वानों एवं विशेषज्ञों के साथ मिलकर एओएसपी कंटेंट और मोटोरोला एक्सपीरियंस ऐप दोनों में ही पहला पूरी तरह से लोकलाइज़्ड कांगड़ी स्मार्टफोन यूजर इंटरफेस देने का काम किया है।डिवाइसेस पर कांगड़ी भाषा के एक्सपीरियंस को सहज बनाने के लिए मोटोरोला ने यूनिकोड कॉमन लोकेल डेटा रिपॉजिटरी (सीएलडीआर)सपोर्ट को एक समृद्ध कांगड़ी भाषा डेटा और यूजर इंटरफेस के साथ जोड़ा है जिसमे फॉर्मेटिंग और पार्सिंग के लिए सभी लोकल स्पेसिफिक पैटर्न जैसे दिनांक,समय,करेंसी,माप इकाइयाँ देश और भाषा की जानकारी, डिवाइसेस पर कांगड़ी में अंग्रेजी शब्दों को लोकलाइज़िंग करना शामिल है अर्थात जिस भी समय कांगड़ी यूजर अपने डिवाइस को सेट करता है ठीक उसी समय भाषा का चयन तथा एंड्रॉइड एओएसपी एवं मोटोरोला दोनों के ही खास यूआई को भी नेविगेट कर सकता है।
मोटोरोला मोबिलिटी एशिया पैसिफिक के एक्सिक्यूटिव डायरेक्टर प्रशांत मणि ने कहा,मोटोरोला में हम एक भाषा को बचाने के रूप में महत्वपूर्ण योगदान देने लिए मोबाइल फोन की पावर परफॉरमेंस को लेकर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं।लुप्त होती जा रही इन भाषाओं की रक्षा के प्रयास को पूरी तरह से सपोर्ट देने वाले पहले ओईएम के रूप में मोटोरोला इंडिया भारतीय क्षेत्रों में बोली जाने वाली दो नई भाषाओं कुवी और कांगड़ी को शामिल करने के साथ ही हमारी स्वदेशी भाषाओं की डिजिटल समावेशन पहल के अगले चरण में लाने के लिए उत्साहित है।लुप्त होती स्वदेशी भाषाओं को पुनर्जीवित करने के लिए और अधिक जागरूकता लाने एवं कार्रवाई करने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिएए पिछले साल दिसंबर में ब्रांड ने लुप्त होती स्वदेशी भाषाओं के डिजिटलीकरण के प्रभाव और क्षमता पर आगे रिसर्च करने के लिए यूनेस्को के साथ भी भागीदारी की है।भारत में फोन में कुवी और कांगड़ी भाषा का एकीकरण इसी कार्यक्रम का एक अगला चरण है।
कांगड़ी भाषा के लिए मोटोरोला द्वारा लुप्तप्राय होती स्वदेशी भाषा पहल के सलाहकार प्रोफेसर सुहनु शर्मा ने कहा, कुल 1.4बिलियन लोगों में से लगभग 1.7 मिलियन लोग कांगड़ी भाषा बोलने वाले है जो कि वास्तव में भारत का निर्माण करते हैं मोटोरोला एवं लेनोवो फाउंडेशन द्वारा भाषा के पुनरोद्धार का प्रयास वाकई में लुप्त होती भाषाओं को संरक्षित करने की उनकी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।
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