Home » केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने बेंगलुरु में वित्त और केन्‍द्रीय बैंक प्रतिनिधियों (एफसीबीडी) की दूसरी बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने बेंगलुरु में वित्त और केन्‍द्रीय बैंक प्रतिनिधियों (एफसीबीडी) की दूसरी बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने बेंगलुरु में वित्त और केन्‍द्रीय बैंक प्रतिनिधियों (एफसीबीडी) की दूसरी बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर के उद्घाटन भाषण के साथ आज यहां जी-20 वित्त और केन्‍द्रीय बैंक के प्रतिनिधियों (एफसीबीडी) की दूसरी बैठक शुरू हुई।

भारत द्वारा जी-20 की अध्‍यक्षता संभालने के बाद जी-20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की पहली बैठक 24-25 फरवरी, 2023 को बेंगलुरु, कर्नाटक में निर्धारित है। जी-20 एफएमसीबीजी की बैठक जी-20 वित्‍त और केन्‍द्रीय बैंक के प्रतिनिधियों (एफसीबीडी) की बैठक से पहले है। बैठक की सह-अध्यक्षता श्री अजय सेठ और आरबीआई के डिप्टी गवर्नर डॉ. माइकल डी. पात्रा करेंगे।

संबोधन के दौरान, युवा कार्यक्रम मंत्री ने कहा कि वित्त ट्रैक जी-20 प्रक्रिया के मूल में है और वैश्विक आर्थिक संवाद और नीति समन्वय के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करता है। वित्त ट्रैक में मुख्य कार्य-क्षेत्र वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण और जोखिम, विकास वित्त सहित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना और वैश्विक वित्तीय सुरक्षा जाल, वित्तीय समावेशन और वित्तीय क्षेत्र के अन्य मुद्दे, बुनियादी ढांचा विकास और वित्तपोषण, स्थायी वित्त, वैश्विक स्वास्थ्य वित्तपोषण और अंतर्राष्ट्रीय कराधान शामिल हैं।

जब नवंबर, 2022 में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से जी-20 अध्यक्षता का बैटन प्राप्त किया, तब यह देश के लिए गर्व का पल था। हालांकि, इसके साथ ही जी-20 की ओर से मतभेदों को समाप्त करने और वैश्विक महत्व के मामलों पर सहमति बनाने को सुनिश्चित करने की बड़ी जिम्मेदारी भी थी।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री ठाकुर ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के महत्व और हमारी एक पृथ्वी को बेहतर बनाने, हमारे एक परिवार के भीतर सद्भाव उत्पन्न करने और हमारे एक भविष्य की आशा प्रदान करने पर केंद्रित प्राथमिकताओं को रेखांकित किया। यह विषयवस्तु वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों पर भारत के महत्व को दिखाता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी, खाद्य व ऊर्जा असुरक्षा, बड़े पैमाने पर महंगाई, बढ़ा हुआ ऋण संकट, जलवायु परिवर्तन की खराब होती स्थिति और भू-राजनीतिक तनाव के मंद प्रभावों का सामना कर रही है। इन सभी संकटों का प्रभाव विश्व की प्रमुख विकास प्राथमिकताओं की प्रगति को पीछे धकेल सकता है।

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