ई-वेस्ट के निस्तारण को लेकर किया जागरूक
शिमला, 27, फरवरी, 2023,। आरएलजी सिस्टम्स इंडिया ने अपने प्रमुख अभियान ‘क्लीन टू ग्रीन’(C2G) के तहत हिमाचल प्रदेश में शिमला के शिक्षण संस्थानों जैसे हिमालयन पैरामाउंट पब्लिक स्कूल, होली हेवन पब्लिक स्कूल, शोभा पब्लिक स्कूल, ब्लूबेल्स पब्लिक स्कूल आदि में जागरुकता अभियान चलाया।जिसके तहत ई-वेस्ट के निस्तारण को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई।अभियान के तहत ‘ई-व्यर्थ के सुरक्षित संग्रहण एवं निपटान को लेकर जागरूक किया गया।रिवर्स लॉजिस्टिक्स ग्रुप की कंपनी आरएलजी ने जागरूकता एवं संग्रहण प्रोग्राम के द्वारा वित्तीय वर्ष 22-23 के लिए कंपनी की जागरुकता एवं संग्रहण रणनीति की घोषणा की है।विद्युत एवं सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय तथा डिजिटल भारत के तत्वावधान में बड़ी संख्या में लोगों जैसे शैक्षणिक संस्थानों, निगमों, थोक उपभोक्ताओं, खुदरा विक्रेताओं, रेज़ीडेन्ट वेलफेयर एसोसिएशनों, डीलरों और अनौचारिक सेक्टर तक पहुंचना हमारा उद्देश्य है।यह अभियान ‘ई-व्यर्थ के सुरक्षित संग्रहण एवं निपटान ‘ के उद्देश्य के साथ अंतिम उपयोग कर्ताओं को जागरुक बनाएगा।इलेक्ट्रोनिक व्यर्थ (ई-व्यर्थ) में आमतौर पर बेकार हो चुके सर्वर, कम्प्यूटर मॉनिटर, मदरबोर्ड, प्रिंटर, मोबाइल फोन एवं चार्जर, कॉम्पैक्ट डिस्क, हैडफोन, टेलीविज़न सेट, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, रेफ्रीजरेटर आदि शामिल होते हैं।
वर्तमान में भारत दुनिया में ई-व्यर्थ का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। सी2जी के साथ ई-व्यर्थ के सुरक्षित निपटान के लिए आप हमें 1800 203 1460 पर संपर्क कर सकते हैं।मिस राधिका कालिया, एमडी, आरएलजी सिस्टम्स इंडिया ने कहा, ‘‘एक कंपनी के रूप में हम देश में ई-व्यर्थ के प्रबन्धन के लिए औपचारिक इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की दिशा काम कर रहे हैं।इस नए ई-व्यर्थ जागरुकता प्रोग्राम के माध्यम से हम देश को ई-व्यर्थ के उचित निपटान एवं रीसायक्लिंग के तरीकों के बारे में जागरुक बनाना चाहते हैं।’
ई-वेस्ट के निस्तारण को लेकर किया जागरूक
शिमला, 27, फरवरी, 2023,। आरएलजी सिस्टम्स इंडिया ने अपने प्रमुख अभियान ‘क्लीन टू ग्रीन’(C2G) के तहत हिमाचल प्रदेश में शिमला के शिक्षण संस्थानों जैसे हिमालयन पैरामाउंट पब्लिक स्कूल, होली हेवन पब्लिक स्कूल, शोभा पब्लिक स्कूल, ब्लूबेल्स पब्लिक स्कूल आदि में जागरुकता अभियान चलाया।जिसके तहत ई-वेस्ट के निस्तारण को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई।अभियान के तहत ‘ई-व्यर्थ के सुरक्षित संग्रहण एवं निपटान को लेकर जागरूक किया गया।रिवर्स लॉजिस्टिक्स ग्रुप की कंपनी आरएलजी ने जागरूकता एवं संग्रहण प्रोग्राम के द्वारा वित्तीय वर्ष 22-23 के लिए कंपनी की जागरुकता एवं संग्रहण रणनीति की घोषणा की है।विद्युत एवं सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय तथा डिजिटल भारत के तत्वावधान में बड़ी संख्या में लोगों जैसे शैक्षणिक संस्थानों, निगमों, थोक उपभोक्ताओं, खुदरा विक्रेताओं, रेज़ीडेन्ट वेलफेयर एसोसिएशनों, डीलरों और अनौचारिक सेक्टर तक पहुंचना हमारा उद्देश्य है।यह अभियान ‘ई-व्यर्थ के सुरक्षित संग्रहण एवं निपटान ‘ के उद्देश्य के साथ अंतिम उपयोग कर्ताओं को जागरुक बनाएगा।इलेक्ट्रोनिक व्यर्थ (ई-व्यर्थ) में आमतौर पर बेकार हो चुके सर्वर, कम्प्यूटर मॉनिटर, मदरबोर्ड, प्रिंटर, मोबाइल फोन एवं चार्जर, कॉम्पैक्ट डिस्क, हैडफोन, टेलीविज़न सेट, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, रेफ्रीजरेटर आदि शामिल होते हैं।
वर्तमान में भारत दुनिया में ई-व्यर्थ का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। सी2जी के साथ ई-व्यर्थ के सुरक्षित निपटान के लिए आप हमें 1800 203 1460 पर संपर्क कर सकते हैं।मिस राधिका कालिया, एमडी, आरएलजी सिस्टम्स इंडिया ने कहा, ‘‘एक कंपनी के रूप में हम देश में ई-व्यर्थ के प्रबन्धन के लिए औपचारिक इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की दिशा काम कर रहे हैं।इस नए ई-व्यर्थ जागरुकता प्रोग्राम के माध्यम से हम देश को ई-व्यर्थ के उचित निपटान एवं रीसायक्लिंग के तरीकों के बारे में जागरुक बनाना चाहते हैं।’
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