मदरसा क़ादरिया मिस्सरवाला हिमाचल प्रदेश में हुफ्फाजे़ कराम को दस्तरफजिलत व बहुमूल्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
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(प्रेस रिलीज़ मिस्सरवाला 07/03/2023) 104 आसमानी किताबों में सबसे आख़री किताब पवित्र कुरान है। जो मानव मार्गदर्शन का स्रोत है और मार्गदर्शन का खुला अध्याय है। जिसमें धर्म और दुनिया की भलाई का रहस्य छिपा है।
अल्लाह ने दुनिया में इसकी हिफाज़त का ज़रया कुरआन हिफ्ज़ करने वालों को भी बनाया है, सिकी शिक्षा मदरसे में दी जाती है। इस लिहाज से हुफ्फाजे़ कराम की जमाअ़त और मदारिसे दीनिया सम्मान के योग्य हैं, इसका इज़हार मौलाना कबीरुद्दीन फाऱान प्रिंसपिल मदरसा क़ादरिया मिस्सरवाला हिमाचल प्रदेश ने अपने संबोधन में करते हुए किया।
मौलाना फरान ने भाषण में कहा कि इन्शाअल्लाह हुफ्फाजे़ काराम को जहन्नम की आग छू न सके गी और उनकी सिफारिश पर अल्लाह उनके परिवार के दस लोगों को जन्नत में दाखिल करेगा. यह भी ज़िक्र किया कि दारुल उलूम देवबन्द के शेखुल हदीस हज़रत मुफती सईद अहमद पालनपूरी की कुरआन से मुहम्मबत इनती ज़यादा थी कि उन्हों ने घर के सभी व्यक्तियों ,बहू बेटियों को हाफिज़ा बना कर एक मिसाल क़ाइम की।
अपने संबोधन के दौरान मौलाना फरान ने खुशखबरी दी कि अगले वर्ष से मदरसा क़ादरिया में शिक्षा बोर्ड धर्मशाला हिमाचल प्रदेश से स्वीकृत कक्षा 8 तक अंग्रेजी माध्यम से शुरू किया जा रहा है।
मदरसा फैजे़ हिदायत रहीमी रायपुर के उस्ताजे़ हदीस हजरत मौलाना रियाज अहमद साहब ने कुरआन की महानता और हदीसों की बरकतों के बारे में कहा कि तुमहारे लिए फितनों से निकलने का सामान कुरआन करीम है फितनों से बचना है तो आज भी कुरआन करीम की तिलावत और कुरआन करीम से जोड रखना होगा।
अखी़र में सदरे इजलास शेखुल हदीस मदरसा फैजे़ हिदायत रहीमी रायपुर हज़रत मौलाना मुहम्मद ताहिर साहिब ने कलामुल्लाह की तक्मील कराई और उम्मत की इस्लाह व फलाह और मुल्क की सलामति के लिए दुआ़ऐं कराई।
इस मौके़ पर मस्जिदों के इमाम, बुद्विजीवी भारी संख्या में मौजूद रहे
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