शिमला, 15 मार्च । हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में कार्रवाई शुरू होते ही विपक्षी दल भाजपा ने पिछली सरकार के कार्यकाल के आखिरी महीनों में खुले सैंकड़ों संस्थानों को डिनोटिफाई करने को लेकर स्थगन प्रस्‍ताव पर चर्चा की मांग की।
भाजपा के सुखराम चौधरी ने नियम-67 के तहत प्रदेश सरकार द्वारा सत्ता संभालते ही 632 संस्थानों को बंद करने का मामला उठाया और विधानसभा के आज के सारे कामकाज को रोककर इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा करवाने की मांग की।
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विपक्ष की इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि भाजपा इस विषय को पिछले 3 माह से उठा रही है। ऐसे में सदन में इस विषय को उठाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए चुनावी समय में इन संस्थानों को खोला। बावजूद इसके जनता ने उन्हें नकार दिया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए इस पर चर्चा नहीं की जा सकती।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हस्तक्षेप करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि सरकार इस विषय पर चर्चा को तैयार है। उन्होंने कहा कि वह इस विषय पर चर्चा की अनुमति प्रदान करें। इसके पश्चात विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यसूची में आज के लिए शामिल सभी विषयों को स्थगित करते हुए नियम-67 के तहत चर्चा की अनुमति दी।
इसके बाद चर्चा शुरू करते हुए भाजपा विधायक सुखराम चौधरी ने कहा कि कांग्रेस सरकार की तरफ से 632 संस्थानों को बंद करने से आम जनता में रोष है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय 2 साल तक कोरोना महामारी के कारण कोई संस्थान नहीं खुल पाया। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने भी कांग्रेस कार्यकाल में खुले संस्थानों को क्रियाशील किया था।
चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक राजेश धर्माणी ने कहा कि इस विषय पर नियम-130 के तहत भी चर्चा हो सकती थी। इसके बावजूद मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने इस विषय को नियम-67 के तहत चर्चा की अनुमति दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार के समय कोरोना महामारी के समय अव्यवस्था देखने को मिली। इस कारण लोगों में रोष था, जिसके परिणाम स्वरूप भाजपा चारों उपचुनाव हार गई तथा स्वास्थ्य मंत्री को पद से हटाना पड़ा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय में खोले गए संस्थानों की यह स्थिति थी कि 2 प्रिंसिपल 3 काॅलेजों का दायित्व देख रहे थे। इसके अलावा काॅलेज में पढाने के लिए स्टापफ की व्यवस्था नहीं थी।
सदन में इसके बाद जब भाजपा विधायक जीतराम कटवाल ने चर्चा में भाग लेते हुए सता पक्ष के एक सदस्य पर टिप्पणी की, तो इससे माहौल गरमा गया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने व्यवस्था दी कि विधायक को लेकर जेआर कटवाल द्वारा कहे गए शब्दों को कार्यवाही से हटा दिया गया है।
चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक इंद्रदत लखनपाल ने पूछा कि भाजपा की तरफ से प्रदेश में प्रधानमंत्री के बार-बार आने के बावजूद प्रदेश को क्या मिला। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार एक बार भी प्रधानमंत्री से हिमाचल के लिए कोई पैकेज नहीं ले पाई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कड़े निर्णय ले रहे हैं और विपक्ष को उनकी सराहना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार आवश्यकता पड़ने पर संस्थान खोलेगी।
भाजपा विधायक डॉ. हंसराज ने कहा कि यदि विधायक क्षेत्र विकास निधि और अन्य मदों से मिलने वाली राशि को बहाल नहीं किया गया तो वह धरना देने के अलावा आमरण अनशन पर भी बैठेंगे। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में संस्थान जनता की मांग पर खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि सुक्खू के मुख्यमंत्री बनने से उनको सबसे अधिक खुशी हुई थी, क्योंकि सत्ता राजघरानों से निकलकर आम आदमी के हाथ आई थी, लेकिन व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर सुखविंदर सिंह सुक्खू अब ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू हो गए और तीन माह के कार्यकाल में ही उन्होंने 4500 करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया। उन्होंने पूछा कि आखिर यह कैसा व्यवस्था परिवर्तन है। उन्होंने अपने क्षेत्र में स्थानों को बंद करने पर आपत्ति जताई।
कांग्रेस विधायक सुरेश कुमार ने कहा कि यह कहना गलत है कि प्रदेश की जनता सड़कों पर आई है। उन्होंने कहा कि संस्थानों को खोलने का जनता ने बुरा नहीं माना है। उन्होंने कहा कि भोरंज में पूर्व मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं की। साथ ही यह भी माना कि 35 साल से वहां का विकास नहीं हुआ। ऐसे में सरकार ने सत्ता में आने पर जल्दबाजी में संस्थान खोले, ताकि चुनाव में उसका लाभ उठाया जा सके।
भाजपा विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में 70 साल पुरानी डैहर पुलिस चौकी बंद कर दी गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के खिलाफ 3 माह में जो वातावरण बना है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को बार-बार बजट का रोना नहीं रोना चाहिए।
कांग्रेस विधायक नंदलाल ने कहा कि पिछली सरकार प्रदेश को कर्ज के बोझ तले छोड़कर गई है। उन्होंने कहा कि सरकार समीक्षा करने के बाद यदि पाएगी तो फिर से संस्थानों को खोला जाएगा।
भाजपा विधायक बलबीर सिंह वर्मा ने अपने चुनाव क्षेत्र में बंद किए गए संस्थानों का मामला उठाया और कहा कि इससे जनता को भारी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि जिस भी नेता ने संस्थानों को बंद करवाया है, वह सरकार का हितैषी नहीं है।
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शिमला, 15 मार्च ।  ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार बीपीएल सूची में नाम शामिल करने और नाम हटाने का अधिकार केवल संबंधित ग्राम सभाओं के पास है। कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि अपात्र परिवारों के नाम हटाने और पात्र परिवारों के नाम शामिल करने के उद्देश्य से हर साल सूचियों की समीक्षा की जाती है। जहां तक राज्य सरकार का संबंध है, वह यह सुनिश्चित करती है कि बीपीएल सूची में पात्र लोगों को शामिल करने और अपात्र को बाहर करने के लिए निर्धारित मानदंड पूरे हों।
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में सालाना बीपीएल सूची में संशोधन के लिए एक विस्तृत सूचना जारी की। इस अधिसूचना के अनुसार प्रत्येक पंचायत स्तर पर एक समिति का गठन किया, जिसे संबंधित खंड विकास अधिकारी द्वारा अधिसूचित किया गया। इस समिति में पंचायत सचिव, पटवारी और एक जन प्रतिनिधि को शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि पात्र लोगों की अंतिम सूची के निर्णय के लिए सूची ग्राम सभा के समक्ष प्रस्तुत की जाती है। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार समिति द्वारा तय नामों की सूची को ग्राम सभाओं के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है और ग्राम सभाओं द्वारा किया गया चयन अंतिम हैं। इसके अलावा, एसडीएम को आवेदनों के आधार पर या गलत चयन के आरोपों की शिकायतों या आरोपों की जांच करने के लिए अधिकृत किया गया है।
शिमला, 15 मार्च ।  उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिक पालिसी 2022 जारी की है। यदि इस योजना में कोई कमी महसूस की जाती है तो सरकार इसमें संशोधन करने या नई इलेक्ट्रिक पालिसी बनाने पर विचार करेगी।
विधायक रणधीर शर्मा के एक सवाल के लिखित जवाब में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में जलशक्ति विभाग के 66 मंडल कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने सत्ता संभालने के बाद आठ मंडलों को बंद कर दिया है।
विधायक राकेश जंवाल के सवाल के लिखित जवाब में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र में जलशक्ति मंडल सुंदरनगर के तहत डैहर और सुंदरनगर के निकटतम क्षेत्रों के लिए 36.91 करोड़ रुपए से अधिक की दो पेयजल योजनाएं स्वीकृत हुई थी। इनमें से डैहर क्षेत्र के लिए स्वीकृत पेयजल योजना का 90 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है, जबकि दूसरी योजना का केवल 5 फीसदी कार्य ही पूरा हुआ है।
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शिमला, 15 मार्च । हिमाचल प्रदेश में सर्दियों के मौसम में कम बारिश व बर्फबारी की वजह से सूखे के हालात पनपने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि राज्य सरकार ने सूखे की स्थिति से इंकार किया है।
करसोग के विधायक दीप राज द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में चंद्र कुमार ने सदन को बताया कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में सूखे की स्थिति नहीं है, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस बार सामान्य से कम बारिश के कारण कृषि और पशुपालन क्षेत्र के लिए चिंता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि विभाग लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है और सूखे की स्थिति उत्पन्न होने पर सरकार चारा और पानी की आपूर्ति के लिए आवश्यक कार्रवाई करेगी। इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।

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