*हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला ने तागनु चिड़गांव में “महत्वपूर्ण औषधीय पौधों की खेती को उगाने बारे *कृषि विज्ञान केंद्र रोहड़ू एवम त्रिदेव औषधीय पौधों उत्पादन सोसाइटी चिरगांव* के सहयोग से 17 मार्च को एक दिवसय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन तागनू में किया ।
डा० जगदीश सिंह, वैज्ञानिक ने बताया कि क्षेत्र की जलवायु महत्वपूर्ण औषधीय पौधों की खेती की खेती के लिए उपयुक्त है और औषधीय पौधों की खेती कर स्थानीय लोग सेब के बगीचे से अतिरिक्त आय ले सकते है । औषधीय पौधे जैसे कि मुश्कबाला, करू, चोरा, सलममिसरी सेब के बगीचे में अंतरवर्तीय फसल के रूप में उगा सकते है । उन्होंने इसकी खेती के लिए विकसित कृषि वानिकी मॉडल की जानकारी सांझा की । उन्होनें बताया कि संस्थान द्वारा वनककड़ी, करू तथा मुश्कबाला आदि महत्वपूर्ण समशीतोष्ण औषधीय पौधों की उच्च गुणवत्ता वाले पौधों की पहचान कर ली गयी है और इन्हें खेती हेतु विभिन्न हितधारकों के बीच बांटा जा रहा है ।
डॉ. संदीप शर्मा ने करू और मुश्कवाला की नर्सरी तकनीक की जानकारी सांझा की । उन्होंने बताया कि इन मूल्यवान औषधीय पौधों की रक्षा और संरक्षण का एकमात्र तरीका उनका कृषिकरण है । औषधीय और सुगंधित पौधों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए आधुनिक नर्सरी तकनीक और सतत विकास के लिए जैविक खेती जरूरी है । उन्होने औषधियों पौधों की मार्केटिंग पर विस्तृत में जानकारी सांझा की ।
डॉ. जोगिंदर सिंह चौहान, मुख्य तकनीकी अधिकारी ने हिमालय क्षेत्र में पाए जाने वाले औषधीय पौधों का के पारंपरिक उपयोग की जानकारी सांझा की । उन्होंने बताया कि औषधीय पौधों को
विभिन्न रोगों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता रहा है परंतु आज यह ज्ञान लुप्त होने के कगार पर है । अतः इसके बारे में जानकारी संरक्षित करना आवश्यक है । डॉ. नरेंद्र कैथ प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र रोहड़ू ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र रोहड़ू द्वारा औषधीय पौधों उगाने के लिए हर संभव लोगों की सहायता करेगा । उन्होंने लोगों को औषधीय पौधे उगाने के लिए प्रोत्साहित किया । इसके अलावा उन्होंने मोटे अनाज जैसे की कोदरा, चौलाई, ओगला, कौणी के औषधीय गुणों के बारे में बताया । विशेषज्ञ द्वारा प्रतिभागियों को औषधीय पौधों से संबन्धित बहुत सी समस्याओं के समाधान करने के तरीके बताये गए । प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों ने हिमालयन वन अनुसन्धान संस्थान,शिमला को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन करने के लिए आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में ऐसे ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आग्रह किया । इस अवसर पर त्रिदेव औषधीय पौधों उत्पादन सोसाइटी के सचिव श्री कृपाल सिंह, कृषि विज्ञान रोहड़ू के वैज्ञानिक दिनेश शर्मा, श्री स्वराज सिंह उपस्थित थे । प्रशिक्षण कार्यक्रम में जांगलिक, दीयूदि पंचायत के 45 किसानों ने भाग लिया ।
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