राजेंद्र सिंह जादौन
चंडीगढ़,19मार्च। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा सरपंचों द्वारा कराए जाने वाले कार्यों की सीमा पांच लाख रुपए किए जाने के बाद हालांकि सरपंच दो धड़ों में बंट गए लेकिन अब भी मुख्यमंत्री की घोषणा से असहमत दूसरा धड़ा विरोध कर रहा है। इस धड़े ने रविवार को सिरसा में सांसद सुनीता दुग्गल को काले झंडे दिखाए। सुनीता दुग्गल दोपहर को माधोसिंघाना गांव में एक कार्यक्रम में पहुंची थी। परंतु सरपंचों ने उस कार्यक्रम में आकर उसके काफिले के खिलाफ नारेबाजी की और काले झंडे दिखाए। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश भी की, लेकिन उनका प्रदर्शन जारी रहा।
सिरसा पुलिस ने सरपंचों को घरों में नजरबंद कर दिया था। ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के विरोध में सरपंचों ने सांसद सुनीता दुग्गल को काले झंडे दिखाने की घोषणा की थी। उससे पहले ही रविवार सुबह करीब 7 बजे पुलिस सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारियों के घर पर पहुंच गई।
सिरसा जिला सरपंच एसोसिएशन के प्रधान जसकरण कंग ने एक वीडियो जारी कर बताया कि रविवार को सांसद का विरोध करने का कार्यक्रम था। सरकार ने हमें घरों में ही नजरबंद कर दिया। स्टेट वाइस प्रेसिडेंट संतोष बैनीवाल को चोपटा पुलिस ने घर पर ही नजरबंद कर लिया। सरकार सरपंचों के साथ ज्यादती कर रही है।सरकार अपनी तानाशाही दिखा रही है। जनता सरकार को सबक सिखाएगी। दूसरी ओर हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की वाइस प्रेसीडेंट संतोष बैनीवाल ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करके खुद को नजरबंद करने की सूचना दी और कहा कि पुलिस उन्हें बाहर नहीं जाने दे रही।
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