शिमला, 20 मार्च । पंजाब में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के फरार होने के बाद हिमाचल प्रदेश में भी सुरक्षा के लिहाज से सरकार ने हाई अलर्ट किया है। पंजाब के साथ लगने वाले हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर पर वाहनों की चेकिंग की जा रही है, ताकि कोई संदिग्ध हिमाचल प्रदेश में न घुस सके।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा है कि पड़ोसी राज्य पंजाब से अमृतपाल सिंह के फरार होने पर हिमाचल प्रदेश में सुरक्षा के दृष्टिगत हाई अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि बेवजह किसी भी पर्यटक को तंग नहीं किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब और हिमाचल के लोग भाई-भाई हैं और बाहर से आने वाले किसी भी पर्यटक को तंग नहीं किया जाएगा, लेकिन संदिग्ध व्यक्तियों पर पूरी नजर रखी जाएगी।
सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सीमाओं पर सुरक्षा का कड़ा इंतजाम किया गया है, लेकिन हिमाचल में इस तरह की कोई स्थिति नहीं है। उनका कहना है कि इस मामले को लेकर हालात बिगड़ने पर पंजाब के मुख्यमंत्री से भी बात की जाएगी।
बता दें कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए हिमाचल पुलिस पहले ही अलर्ट पर है। साथ ही एचआरटीसी के ड्राइवरों और कंडक्टरों को भी मुस्तैद रहने को कहा गया है। एचआरटीसी प्रबंधन की ओर से बाहरी राज्यों पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ के रूटों पर जाने वाले ड्राइवर कंडक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्थिति पर नजर रखें और किसी भी तरह की स्थिति बेकाबू होते देख तुरंत वापस लौट आएं।
एचआरटीसी के डिविजनल मैनेजर देवासेन नेगी ने बताया कि पंजाब से हिमाचल आने-जाने वाली बसों के रूटों पर एचआरटीसी प्रबन्धन पूरी नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि अमृतसर और होशियारपुर वाले रूटों को छोड़कर अन्य रूटों पर एचआरटीसी की बस सेवा जारी है।
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पेट्रोल और डीजल पर कोई सेस नहीं लगाएगी हिमाचल सरकार
शिमला, 20 मार्च। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2026 तक ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सरकार प्रभावी कदम उठा रही है औऱ बजट में अहम घोषणाएं की गई हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग्रीन एनर्जी स्टेट के एवज में राज्य में कोई सेस नहीं लगाया जाएगा। प्रदेश सरकार का पेट्रोल और डीजल पर सेस लगाने का भी कोई विचार नहीं है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान चुराह के विधायक हंसराज द्वारा पूछे गए पूरक सवाल के जवाब में यह बात कही।
हंसराज ने पूरक सवाल किया कि सरकार की मंशा ऐसी तो नहीं है कि ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने के चक्कर में राज्य में ग्रीन सैस लगाया जाएगा या पेट्रोल व डीजल की कीमतें बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के छह राष्ट्रीय उच्च मार्गों व राज्य उच्च मार्गों को ग्रीन कोरिडोर में शामिल किया गया है। इनमें परवाणु-नालागढ़-ऊना ग्रीन कोरिडोर के टैंडर अवार्ड कर इसके लिए बजट प्रावधान कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एचआरटीसी में 1500 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी। इन बसों को चलाने से पहले आधारभूत ढांचा विकसित किया जाएगा। इसके लिए मिशन मोड पर काम किया जाएगा।
इससे पहले गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा के मूल सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए सरकार ने अपनी इच्छाशक्ति जाहिर कर दी है। सरकार नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति लाने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि ई-सार्वजनिक परिवहन के लिए बजट का प्रावधान कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने ग्रीन ट्रांसपोर्ट के लिए बजट में सब्सिडी की विभिन्न घोषणाएं की है।
राजेश धर्माणी ने पूरक सवाल में जानना चाहा कि सरकार द्वारा नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति के लिए कोई विचार विमर्श हुआ है और क्या राज्य में पीपीपी मोड पर चार्जिग स्टेशन बनाए जाएंगे। इस पर उपमुख्यमंत्री में कहा कि पीपीपी मोड के लिए विकल्प खुले हैं।
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हिमाचल विधानसभा में बजट पर चर्चा शुरू, जयराम ठाकुर ने बजट को बताया खोखला
शिमला, 20 मार्च । हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राज्य के 2023-24 के बजट पर सोमवार को चर्चा शुरू हुई। प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने चर्चा शुरू करते हुए बजट को पूरी तरह खोखला करार दिया। उन्होंने कहा कि बजट भाषण बजट आंकड़ों से कतई मेल नहीं खाता है और सरकार ने इस बजट के माध्यम से लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार के जनता को गुमराह करने के प्रयास और जनविरोधी निर्णयों का जमकर विरोध करेगा।
उन्होंने यह भी कि सरकार विपक्ष को नजर अंदाज नहीं कर सकती और यदि ऐसा हुआ तो लोग सरकार को नजर अंदाज कर देंगे।
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने बजट में पूर्व भाजपा सरकार द्वारा आरंभ की गई सभी कल्याणकारी योजनाओं को बजट से बाहर कर दिया है। उन्होंने कहा कि बजट में एक सौ रुपए में से महज 29 रुपए ही विकास के लिए बचे हैं। ऐसे में प्रदेश में विकास की गुंजाइश बहुत कम हो गई है, जो चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने विधायकों तक को नहीं बख्शा है और उनकी विधायक क्षेत्र विकास निधि को बंद कर विधायकों को दुबला कर दिया है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा सैंकड़ों संस्थान बंद करने पर तंज करते हुए कहा कि अब स्थिति यह हो गई है कि प्रदेशभर में लोग बंद-बंद सुनते यह पूछने लगे हैं कि सरकार कब बंद होगी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने बजट में 2.31 लाख महिलाओं को 1500 रुपए मासिक भत्ता देने की घोषणा कर प्रदेश की महिलाओं को ठगा है। उन्होंने कहा कि ये 1500 रुपए भत्ता उन महिलाओं को दिया जाएगा, जो पहले से ही 1000 और 1150 रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन ले रही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रतिज्ञा पत्र के अनुसार 18 से 60 वर्ष तक आयु की सभी महिलाओं को यह भत्ता मिलना चाहिए था और इनकी संख्या लगभग 21 लाख है, जिसके लिए सरकार को कम से कम 3600 करोड़ रुपए की जरूरत होगी।
जयराम ठाकुर ने सरकार के ग्रीन हिमाचल के कांसेप्ट की सराहना की और कहा कि वास्तव में यह केंद्र सरकार की योजना है और प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री देश को हरित ऊर्जा देश बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं ताकि फौसिल फ्यूल पर निर्भरता कम की जा सके।
उन्होंने प्रदेश सरकार पर एनपीएस कर्मचारियों को ठगने का आरोप लगाया और कहा कि कर्मचारी पुरानी शर्तों पर पेंशन मांग रहे हैं, जबकि सरकार अपना एसओपी बना रही है। कांग्रेस के राजेंद्र राणा और भाजपा के सुखराम चौधरी ने भी बजट चर्चा में हिस्सा लिया।
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हिमाचल में पूर्व भाजपा सरकार की कोई योजना बंद नहीं : सुक्खू
शिमला, 20 मार्च । मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि उनकी सरकार ने पूर्व भाजपा सरकार की किसी भी योजना को बंद नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि देश के किसी पूर्व प्रधानमंत्री के नाम से शुरू की गई कोई भी योजना जारी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि हिमकेयर और सहारा योजना का बजट भाषण में इसलिए जिक्र नहीं है, क्योंकि ये योजनाएं पहले से चल रही हैं और इन्हें सरकार ने बंद नहीं किया है, बल्कि इनके लिए बजट का प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए यह बात कही।
चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय जहां हर साल औसतन 400 करोड़ रुपए का ऋण लिया गया, वहीं, सुक्खू सरकार इस वर्ष लगभग 10 हजार करोड़ रुपए का ऋण लेगी। उन्होंने सरकार पर लोगों को ऋणों के मामले पर गुमराह करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हिमाचल में अधिकांश विकास योजनाएं केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित हैं। इसके बावजूद केंद्र के आभार के लिए एक भी शब्द नहीं है। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में हिमाचल को केंद्रीय योजनाओं के तहत 18130 करोड़ रुपए मिलेंगे।
जयराम ठाकुर ने सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया और कहा कि संस्थान बंद करने के मामले में सरकार पर सत्ता का सुरूर नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने इस प्रथा को बंद कर दिया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे फिर से शुरू कर दिया है, जो सही नहीं है।

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