नशा एक सामाजिक बुराई, क्राइम का बड़ा कारण

 

-सरकार सख्त कानून बनाए-परिवार ज़िमेदारी समझे
रचना झीना शर्मा
 जब हम ऐसे समाचार देखते हैं कि नशे में बेटे ने अपने पिता को मार दिया, अपनी मां को  मार दिया,घर में चोरी कर ली या अन्य स्थान पर चोरी की।नशा बेचने लगे, ऐसे अनेक मामले हैं ।हाल ही में एक नया मामला तो अभी आया जिला शिमला का जिसमें नशे के चलते एक बेटे ने अपने पिता को मौत के घाट उतार दिया, दादी के भी हमला किया ।ऐसे में नशा एक सामाजिक बुराई तो है ही है लेकिन यह क्राइम का भी बड़ा कारण बन गया है ।यह नशा परिवार बर्बाद कर रहा है ,यह नशा समाज को खराब कर रहा है ,यह नशा जिंदगी  को खराब कर रहा है ,नौजवान को खराब कर रहा है इसलिए सिंथेटिक  ड्रग उस पर कड़ी कार्रवाई हो ।उस पर जागरूकता हो, सब अपनी जिम्मेदारी समझे और सबसे बड़ी भूमिका इसमें परिवारों की है ,परिवार अपनी जिम्मेदारी समझे।
बच्चों को समझाएं, एजुकेट करें ,स्कूल ,कॉलेज व विश्वविद्यालय में उनकी गतिविधियों पर नजर रखें। सवाल तो करें कि आखिर मैं नशे में है या नहीं??? इस इसलिए नौजवान पीढ़ी को नशे से मुक्त करने का सबसे बड़ी ज़िमेदारी परिवारों की है और खुद नौजवान की है ।वह गलत व सही में पहचान करें?? अपने परिवारों के प्रति जिम्मेदारी को समझें ?सरकार सख्त कानून बनाएं? नशा बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो .आज की सबसे बड़ी समस्या यदि कोई है तो वह नशा मुक्त देवभूमि को करना है और सिंथेटिक ड्रग आज की चुनौती है .आशा है इस पर सब मिलकर के जागरूकता भी करेंगे .सरकार कानून भी बनाएगी हमें अपनी भूमिका अदा करनी है ,हम भी जागरूकता में लगातार प्रयास करते रहेंगे।

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