बीरबल शर्मा
मंडी, 24 मार्च।
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा ऐतिहासिक नगरी पांगणा में 20 से 24 मार्च तक पांच दिवसीय मौन पालन शिविर का आयोजन किया गया।
जिसमें पांगणा, कलाशन, सुईं कुफरी, सेरी, कनेरी, चुराग, माहूंनाग, चौरिधार, सपनोट, शेन्धल से 45 प्रगतिशील किसान बागवानों ने भाग लिया।
सफल मधुमक्खी पालन के लिए किसानों व बागवानों को मधुमक्खियों के विभिन्न प्रबंधन की आधुनिक और वैज्ञानिक जानकारी देते हुए उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज शर्मा ने बागवानों से आह्वान किया कि वे मधुमक्खी पालन का व्यवसाय अपना कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करें।उन्होंंने बताया कि यह ग्रामीण समुदायों के लिए कम लागत वाला व्यवसाय है।मधुमक्खी पालन विभिन्न मौन.उत्पादों के अतिरिक्त परोक्ष रुप में कई और व्यवसायों को भी बढ़ावा देता है। इसे एक तरफ जहां उनकी आर्थिकी की सुदृढ़ होगी वहीं पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भागीदारी रहेगी। विषय विशेषज्ञ मौन पालन डॉक्टर शरद गुप्ता ने किसानों को बताया कि मौन पालन का व्यवसाय अपना कर न केवल शहद द्वारा ही आय अर्जित की जा सकती है अपितु वी वैलन, प्रोपोलिस, मोम,रायल जेली, पॉलिनेशन द्वारा भी आय अर्जित की जा सकती है। बागवान मधुमक्खियों को विभाजित कर अतिरिक्त लाभ ले सकते हैं। विषय विशेषज्ञ उद्यान करसोग डॉक्टर जगदीश वर्मा ने बागवानों को “मुख्यमंत्री मधु विकास योजना” और शहद उत्पादन.निष्कासन,संशोधन भंडारन और उपयोग की किसानों-बागवानों को जानकारी दी। इस पांच दिवसीय शिविर में उद्यान विभाग से सेवानिवृत्त डॉ ज्ञान वर्मा ने निरंतर पांच दिनों बागवानों को मौन पालन की बारीकियों,मुख्यमंत्री मधु विकास योजना, ई-उद्यान पोर्टल के विषय में व अनेकों जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि ई-उद्यान पोर्टल के माध्यम से किसान घर बैठे इन योजनाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं ।उन्होंने अन्य विभागीय योजनाओं से भी अवगत करवाया। बागवान इस प्रशिक्षण शिविर को लेकर बहुत उत्साहित हैं और मौन पालन का व्यवसाय करने हेतु अपनी रुचि दिखा रहे हैं।
इस शिविर की समापन संध्या पर प्रशिक्षित बागवानों
– किसामों को विशेष प्रमाण पत्र, मुख रक्षक जाली,दस्ताने, हाइव टूल और पाठन सामग्री वितरित की गई । इस अवसर पर एचडीओ मोनिका शर्मा व उद्यान विभाग से मनीषा चौधरी भी उपस्थित रहीं ।
45 प्रशिक्षणार्थियों शामिल एक मात्रा महिला प्रशिक्षु सेवानिवृत्त प्रवक्ता आशा शर्मा ने उद्यान विभाग के निदेशक श्री संदीप कदम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण महिलाओ को शसक्त बनाने के साथ आर्थिकी मे मिठास घोल सकती है मधुसक्ति।आशा शर्मा ने विभाग और सरकार से मांग की है कि प्रगतिशील किसान व बागवान महिलाओं को भी इस तरह के मधुमक्खी पालन शिविर में शामिल करने से महिलाओं को भी शहद उद्योग में भी शसक्त बनाया जा सकता है।समापन अवसर पर बागवानी विभाग करसोग के खंड स्तरीय एस एम एस डाॅक्टर जगदीश शर्मा,
उद्यान निदेशालय के मौन पालक डोमेश शर्मा,पंचायत प्रधान पांगणा बसंत लाल,फल संतति और उद्यान विभाग पांगणा मौन पालक प्रदीप शर्मा भी उपस्थित थे।बसंत लाल ने पांगणा में इस शिविर के सफल आयोजन के लिए उद्यान विभाग के समस्त अधिकारियों और हिमाचल प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
Leave a Reply