जमीन सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं तथा योग्यता के आधार पर रोजगार गारंटी दे सरकार तभी देंगे एयरपोर्ट के लिए भूमि  
जमीन सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं तथा योग्यता के आधार पर रोजगार गारंटी दे सरकार तभी देंगे एयरपोर्ट के लिए भूमि
 सरकार स्पष्ट करे विस्थापितों को लेकर क्या योजना है तभी बनेगा एयरपोर्ट
बीरबल शर्मा
मंडी, 27 मार्च। जिला मंडी की बल्ह घाटी में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की जनसुनवाई को लेकर दूसरे दिन राजस्व मुहाल छातडू व डोयह्डा में जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सोमवार को प्राथमिक पाठशाला छातडू में आयोजित जनसुनवाई में प्रशासनिक अधिकारी, विभागीय अधिकारी, वेप्कोस कंपनी एवं एसआर एशिया अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। एसआर एशिया कंपनी के अधिकारी वीरेंद्र रतुरी व अजय कुमार ने जन सुनवाई के दौरान एयरपोर्ट के बनने से होने वाले लाभ व हानियों बारे उपस्थित लोगों को बताया। जनसुनवाई के दौरान छातडु पंचायत प्रधान सत्या देवी ने पंचायत द्वारा पारित प्रस्तव का हवाला देते हुए कहा कि प्रस्तावित एयरपोर्ट को किसी और जगह पर बनाया जाए। इसके अलावा छातडू मुहाल के दलीप पंत ने मांग पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया है कि उनकी जमीन बहुत उपजाऊ है। किसान नकदी फसल उगा अपना एवं परिवार का गुजर-बसर कर रहे हैं, यदि हमारी जमीन इस एयरपोर्ट में चली जाएगी तो हम बर्वाद हो जाएंगे। जमीन के सर्कल रेट 9.5 लाख प्रति बिघा बताया जा रहा है, इतनी कम कीमत पर दूसरी जगह जमीन नहीं ले पाएंगे। यदि सरकार को एयरपोर्ट बनाना ही है तो वह पहले स्थिति स्पष्ट करे कि विस्थापित होने पर हमें कहां बसाया जाएगा तथा कितनी जमीन मिलेगी और जीवन यापन के लिए क्या-क्या व्यवस्थाएं की गई हैं। वहीं स्थानीय निवासी दलीप पंत ने कहा कि हवाई अड्डे निर्माण के लिए हम सहमत हैं, लेकिन सरकार हमें हर प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाए, जो विस्थापित होंगे उन्हें जमीन सहित औष्ती का दर्जा प्रदान कर योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी भी देने की गारंटी दे । किसान जीवन राम ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एयरपोर्ट की जद में आने वाले क्षेत्र की 85 प्रतिशत आबादी दलित है, हम चाहते हैं कि विस्थापित होने पर पूरी दलित आबादी को एक साथ एक ही जगह पर बसाया जाए। एयरपोर्ट चाहे सरकार बनाए या फिर निजी क्षेत्र में बने हमारी सभी शर्तों को स्वीकार किया जाएगा तभी हम एयरपोर्ट के लिए जमीन मुहैया करवाएंगे। इनके अलावा स्थानीय किसान नेता अमर सिंह सकलानी ने व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी भूमि की उत्पादन क्षमता पुरे देश में सबसे अधिक है, इसलिए बल्ह को मिनी पंजाब भी कहा जाता है। हम इस एयरपोर्ट को बनाए जाने के पक्षधर नहीं हैं। बल्ह का किसान स्थानीय तथा प्रवासी लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाते हुए पांच सौ रुपए दिहाड़ी, खाना-पीना देने के बाद भी अपने को प्रति बिघा तीन से चार लाख सालाना कमा लेता है। यदि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट यहां पर बनता है तो किसान विस्थापित होंगे, सरकार को किसानों से बात कर उनकी स्थापना व अन्य मुद्दों को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। स्थानीय युवाओं को परियोजना में रोजगार उपलब्ध करवाने व एयरपोर्ट में बनने वाले कॉम्प्लेक्स की दुकानों में प्राथमिकता दी जाए तथा सामाजिक वेलफेयर में भी प्राथमिकता मिले। यदि हमारी मांगे मंजूर नहीं है तो इस एयरपोर्ट को किसी और जगह पर बनाया जाए।
  बॉक्स
सेवानिवृत्त एयरपोर्ट इंजीनियर ने सुझाया उपाय
उपमंडल बल्ह के घट्टा निवासी एमपी गर्ग जोकि एयरपोर्ट अथॉरिटी में बतौर इंजीनियर अपनी सेवाएं दे चुके हैं ने एक अलग प्रारूप बनाकर प्रशासन को सौंपा। जिसमें उन्होंने दर्शाया है कि यदि उनकी इस योजना के अनुरूप एयरपोर्ट को बनाया जाता है तो बहुत कम किसान हवाई पट्टी की जद में आएंगे तथा बल्ह घाटी में ही एयरपोर्ट सही ढंग से बन तैयार हो जाएगा ।
कोट्स:
 सोमवार को छातडू मुहाल में जन सुनवाई रखी गई थी, किसानों द्वारा दिए गए सुझावों दावों व आपत्तियों को नोट किया गया है। वहीं मंगलवार को राजस्व मोहाल कुम्मी में जन सुनवाई होगी।
 समृतिका नेगी, उपमंडलाधिकारी बल्ह
सचित्र:
1: जनसुनवाई के दौरान मौजूद छातडू व डोयडा के किसान
2: किसानों को सामाजिक प्रभाव आंकलन बारे में जानकारी प्रदान करते एस आर एशिया कंपनी के अधिकारीगण।

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