अपने पहले ही बजट सत्र में विपक्ष के सवालों से घिरी रही सुक्खू सरकार: जयराम
-मंडी जिला से ऐसा व्यवहार हो रहा हे जैसे मंडी हिमाचल का हिस्सा ही न हो
सरदार पटेल युनिवर्सिटी को बंद करने और हवाई अड्डे को शिफ्ट करने की हो रही है साजिश
बोले: मंडी की जनता और 35 हज़ार विद्यार्थी बर्दाश्त नहीं करेंगे विश्विद्यालय को कमज़ोर करने की साज़िश
बीरबल शर्मा
मंडी, 10 अप्रैल। पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि अपने पहले ही बजट सत्र में प्रदेश की कांग्रेस सरकार विपक्ष के सवालों से घिर कर बेबस नजऱ आई। जबकि भाजपा की ओर से विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण रही । यहां पत्रकारों से बात करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस प्रकार का व्यवहार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व उनकी सरकार का मंडी जिला से रहा है, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार को मंडी प्रदेश का हिस्सा नहीं लग रहा है। उन्होंने कहा कि न तो यहां कोई काम हो रहे हैं और न इनको अपनी पार्टी में इतने वरिष्ठ नेता होने के बावजूद कोई सरकार में बोर्ड निगम में नियुक्ति के लिए योग्य नेता मिल रहा है। आम चर्चा यही है कि मंडी को सुक्खू सरकार जानबूझकर हाशिए पर रखना चाहती है क्योंकि यहां से भाजपा के सबसे ज्यादा नौ विधायक जीतकर आए हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि चुनाव में कांग्रेस को मंडी की जनता ने समर्थन नहीं दिया तो इसका मतलब यह नहीं की यहां की अनदेखी की जाए। जयराम ने कहा कि हिमाचल सरकार सरदार वल्लभ भाई पटेल यूनिवर्सिटी मंडी को बंद करने के लिए साजिश रच रही है। जिसके चलते पहले नियुक्तियों को लेकर बदनाम करने और फिर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा करने की कोशिश्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि एसपीयू के वीसी और प्रो वीसी को वासप भेज दिया गया है। जबकि 35,000 विद्यार्थियों की परीक्षा 17 अप्रैल से है और अभी तक यूनिवर्सिटी के पास कोई अधिकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि एक साल पुरानी यूनिवर्सिटी को बंद करने की ये साजिश दुर्भाग्यपूर्ण है। ये सिर्फ इसलिए हो रहा है कि इनको अपने कुलपति और उपकुलपति बैठाने हैं। उसी प्रकार मंडी हवाई अड्डे का स्थान बदलने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर इस सरकार को लगता है कि हवाई अड्डा दूसरी जगह जरूरी है तो वहां भी बनाएं। हमें इसको लेकर कोई ऐतराज नहीं है। लेकिन अगर मंडी का हवाई अड्डा शिफ्ट किया गया तो इसका विरोध किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में सरकार और अधिकारियों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। नेता व अधिकारी एक दूसरे के गले पकड़ रहे हैं। कांग्रेस ने हमारे खिलाफ हेलीकॉप्टर का मुद्दा बनाने का प्रयास किया था, अब कांग्रेस बताए कि दो हेलीकॉप्टर की जरूरत क्यों पड़ी है। यही नहीं एक तो एयरक्राफ्ट तक हेलीकॉप्टरों से महंगे दाम पर लिया जा रहा है ताकि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं को ढोया जाए । हमने तो सबसे सस्ती दर पर हेलीकॉप्टर लीज पर लिया था। जयराम ठाकुर ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन तो हुआ नहीं, लेकिन राज्य में व्यवस्थाओं की धज्जियां जरूर उड़ा दी गई हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि अब तक सर्वे और अन्य कार्यों पर 10 करोड़ का खर्च हो चुका है। वहीं उन्होंने ऋण लेने के मामले में स्पष्ट किया कि हमारी सरकार ने एक साल में 4 हजार करोड़ रुपये का लोन लिया था, लेकिन कांग्रेस ने चार महीने में ही 6 हजार करोड़ का लोन ले लिया है। यही रफ्तार रही तो मुख्यमंत्री के कथानानुसार हिमाचल में श्रीलंका जैसे ही हालात ही होंगे। ये सरकार वित्तीय बोझ का रोना रो रही गई और पार्टी वर्करों को दरकिनार कर मित्रों को कैबिनेट पद बांटे जा रहे हैं। इनकी पार्टी की अध्यक्ष ही दिल्ली में जाकर अपने अध्यक्ष से इसकी शिकायत कर चुकी है कि हमारे लोगों की अनदेखी हो रही है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक बदले की भावना से सरदार पटेल युनिवर्सिटी को बंद करने और मंडी के हवाई अड्डे को शिफ्ट करने की कवायद की जा रही है। जिसका सदन के अंदर और बाहर विोध किया जाएगा। इस अवसर पर सदर के विधायक एवं पूर्व मंत्री अनिल शर्मा, द्रंग के विधायक पूर्ण ठाकुर, जिला भाजपा अध्यक्ष रणवीर सिंह और नगर निगम की मेयर दीपाली जसवाल मौजूद रही।
फोटो: मंडी में पत्रकारों से बता करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर।

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