– बॉर्डर एरिया के स्कूलों में शुरू होनी थी पंजाबी की क्लासें
बद्दी, 29 अप्रैल प्रवीण शर्मा प्रचंड समय
वर्ष 2012 -13 में सरकार ने घोषणा की थी कि पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के बॉर्डर पर लगते क्षेत्रों के स्कूलों में पंजाबी की क्लासें शुरू करने की बात कही थी ताकि पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्र-छात्राएं पंजाबी भी सीख सके। जिसके बाद प्रदेश के हजारों छात्र-छात्राओं ने बीऐड की परीक्षा पास कर टैट भी क्लीयर कर लिया है परन्तु 10 साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने पंजाबी टीचर की पोस्ट के लिए बकैंसियां नही निकाली। जिसके चलते प्रदेश के हजारों छात्र अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। टैट क्लीयर छात्रों कवलप्रीत कौर, नेहा, रजनी, सुमनदीप कौर, सकीना, आशिया, रजनी, आलिय, अनीता, सुनीता, हरविंद्र कौर,मनप्रीत कौर, मंजु सिंह, नेहा शर्मा, इशा राणा, रिया वर्मा, एकता सचदेवा, सुभानी राणा, शालिनी शर्मा, तान्या, हेमलता, सुखम, गुरप्रीत कौर, शीना मलिक समेत अनेक छात्रों को कहना है कि बॉर्डर एरिया पर स्थित क्षेत्रों के स्कूलों में सरकार ने पंजाबी शुरू करने की घोषणा की थी जिससे युवाओं ने पैसा खर्च कर पहले तो एच.पी. टैट का पेपर क्लीयर किया है। इन छात्रों में 80 प्रतिशत छात्राएं हैं । सरकार एक तरफ तो महिला सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं वहीं दूसरी और प्रदेश में हजारों बेरोजगार छात्राएं योग्यता होने के बावजूद रोजगार से दूर बैठी है व मजबूरी में प्राइवेट स्कूलों के शोषण का शिकार हो रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खु से प्रदेश के स्कूलों में पंजाबी टीचरों की जल्द नियुक्ति की मांग रखी है ताकि प्रदेश के बेरोजगारों के साथ न्याय हो सके।
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