हिमाचल में सात एचएएस अफसर बदले, तीन बागी विधायकों के हलकों के एसडीएम तबदील
शिमला, 13 मार्च। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने तीन बागी व अयोग्य ठहराए गए विधायकों के चुनावी हलकों के एसडीएम बदल दिए हैं। बगावत करने वाले राजेन्द्र राणा, चैतन्य शर्मा और इंद्रदत्त लखनपाल के निर्वाचन क्षेत्रों के एसडीएम को बदल दिया गया है। सुक्खू सरकार ने बुधवार शाम सात एचएएस अधिकारियों के तबादला सम्बंधी अधिसूचना जारी की है।
इसके मुताबिक चैतन्य शर्मा के गगरेट हल्के के एसडीएम शशि पाल शर्मा को चुराह का एसडीएम लगाया गया है। राजेन्द्र राणा के सुजानपुर हल्के के एसडीएम राजकुमार-2 को करसोग का एसडीएम तैनात किया गया है। इंद्रदत्त लखनपाल के बड़सर हल्के के एसडीएम डॉक्टर रोहित शर्मा अब सुजानपुर के नए एसडीम होंगे। धर्मपुर के एसडीएम राजेंद्र कुमार गौतम को बड़सर का एसडीएम लगाया गया है। चुराह के एसडीएम जोगिंदर पटियाल धर्मपुर के एसडीएम होंगे। करसोग के एसडीएम नरेंद्र सिंह को मंडी का आरटीओ नियुक्त किया गया है। वही मंडी के आरटीओ रहे सोमिल गौतम अब गगरेट के नए एसडीम होंगे।
बता दें कि सुक्खू सरकार ने बीते पांच मार्च को तीन अन्य बागी विधायकों के हलकों के एसडीएम बदले थे।
धर्मशाला से अयोग्य ठहराए गए विधायक सुधीर शर्मा, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो के निर्वाचन हल्कों के एसडीएम बदले गए थे।
दरअसल हिमाचल की एक राज्यसभा सीट पर बीते 27 फरवरी को हुए चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। इनके वोट की बदौलत कांग्रेस उम्मीदवार की हार हुई और यह सीट भाजपा के खाते में चली गई। इसके अगले दिन विधानसभा में बजट पारित करने के दौरान कांग्रेस के छह विधायकों के अनुपस्थित रहने पर स्पीकर ने इनकी विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी। इन निष्कासित छह विधायकों ने सर्वोच्च न्यायालय में स्पीकर के आदेश को चुनौती दी है। सर्वोच्च न्यायालय में मामले पर आगामी 18 मार्च को सुनवाई होगी।
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