उपायुक्त  एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण   तोरुल एस रवीश  ने आज यहां  जानकारी दी कि  4 अप्रैल 1905 को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा क्षेत्र में विनाशकारी भूकंप आया था।
इस भूकंप की तीव्रता 7.5 से 7.9 थी तथा तकरीबन 6 किलोमीटर की अनुमानित गहराई पर आया था ।
इस दिन को “आपदा जागरूकता दिवस” के रूप में याद किया जाता है ताकि भविष्य में भी ऐसी आपदाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जा सके। इस संबंध में कल यानी 4 अप्रैल 2024 को विभिन्न जागरूकता गतिविधियां जैसे ड्रॉप कवर होल्ड ड्रिल, भूकंप से पहले, दौरान और बाद में क्या करें क्या ना करें, भाषण और निबंध लेखन प्रतियोगिताओं, आदि पर आधारित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम सभी सरकारी, निजी शिक्षण संस्थानों में उनके सुविधानुसार समय पर किए जाएंगे ताकि आपदा प्रबंधन पर जागरूकता विद्यार्थियों को पहुंचाई जा सके। यह दिन आपदाओं के विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इसके अतिरिक्त अप्रैल महीने में होने वाली पहली ग्राम सभा बैठक के एजेंडे में आपदा प्रबंधन विषय को जोड़ा गया है तथा ग्राम सभाओं के माध्यम से सुरक्षित भवन निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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