शिमला 09 अप्रैल । हिमाचल प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों के राजनीति-विज्ञान के लगभग 50 प्राध्यापकों    ने मंगलवार को वार्षिक परीक्षाओं में आ रहे प्रश्न पत्रों में तय मानदंडों को पूरा न करने बारे  परीक्षा नियंत्रक, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को ज्ञापन भेजा है। हिमाचल प्रदेश राजकीय माहाविद्यालय प्राघ्यापक संघ के कोषाध्यक्ष डाॅ0 देवेन्द्र शर्मा ने मंगलवार को जारी बयान में बताया कि राजनीति विज्ञान के तीन प्रश्न पत्रों में लगातार उजागगर हुई त्रुटियों पर सभी ने चिंता व्यक्त की है।
उन्होने बताया कि 2 अप्रैल को हुई राजनीति-विज्ञान विषय की परीक्षा में प्रश्न पत्र का 80 प्रतिशत हिस्सा पाठ्य-समिति द्वारा जारी  दिशा-निर्देशों के मुताबिक न होने पर प्रदेश भर में विद्यार्थियों ने भी परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन भेजे थे। इसके अलावा 30 मार्च को राजनीतिक सिद्धांत (पेपर कोड संख्या 101) के प्रश्न पत्र में भी शिकायत आई कि जो प्रश्न पत्र बीते वर्ष सरदार पटेल यूनिवर्सिटी, मंडी के अधीन महाविद्यालयों में पूछे गए थे, वही हू-ब-हू इस वर्ष एच.पी.यू. के अधीन महाविद्यालयों के विद्यार्थियों से पूछे गए हैं । इसके अलावा अन्य प्रश्न पत्रों में भी विश्वविद्यालयों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुसरण नहीं किया गया है। प्राध्यापकों  ने ज्ञापन में इस तरह के गैर जिम्मेदाराना रवैये की घोर निन्दा की है और विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि उक्त प्रश्न पत्रों में आई समस्याओं के निवारण बारे  जांच कमेटी बिठाने की मांग की है जिसमें महाविद्यालयों के वरिष्ठ आचार्य भी आमंत्रित किए जाएं।
डाॅ0 देवेन्द्र ने बताया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में  उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाना एक बड़ी चुनौती है। उच्च शिक्षा को बेहतर बनाना आज सभी हितधारकों चाहे वह शिक्षक है, विद्यार्थी अथवा  विश्वविद्यालय प्रशासन  सभी की सामूहिक जिम्मेवारी है। चूंकि इस वर्ष सरकार प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करना चाहती है, जिसके लिए वांछित आधारभूत संरचना का अभाव बड़ा प्रश्न है।  ज्ञापन में प्राध्यापकों ने आह्वाहन किया है कि पहले वर्तमान व्यवस्था की खामियों को दुरुस्त करना अति आवश्यक है, तभी हम नई नीति के लिए बेहतर संरचना तैयार कर सकते हैं। ज्ञापन में आचार्यों ने मूल्यांकन प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए उचित  सुधार करने का आह्वान किया है और विश्वविद्यालय प्रशासन से जल्द-से-जल्द इस बावत बैठक बुलाए जाने की गुजारिश की है।

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