पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह और पुत्र बृजेंद्र सिंह समेत परिवार के किसी सदस्य को चुनाव के लिए कांग्रेस टिकट न देने की मांग को लेकर किसान मजदूर संयुक्त मोर्चा ने सोमवार को नई दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। चौधरी बीरेंद्र सिंह परिवार की कांग्रेस में वापसी के बाद भी मुश्किल कम नहीं हुई है। जहा बृजेंद्र सिंह को भाजपा में रहते हिसार लोकसभा सीट से दूसरी बार टिकट न मिलने का डर सता रहा था वही परिवार की उचाना विधानसभा सीट भी छिन जाने का खतरा महसूस किया जा रहा था। लेकिन कांग्रेस में आने के बाद किसान नेताओ ने पिता पुत्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
      किसान मजदूर संयुक्त मोर्चा सदस्य एवं किसान नेता आजाद पालवां के नेतृत्व में रविवार सुबह छह बजे दर्जनों किसान जींद से ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। आजाद पालवां ने मीडिया को कहा कि कांग्रेस हिसार लोकसभा सीट से बृजेंद्र सिंह या बीरेंद्र सिंह को टिकट दे सकती है। जब बृजेंद्र सिंह सांसद थे, वह किसानों के बीच कभी नहीं आए। करीब 16 महीने उचाना में किसानों का धरना चला, बृजेंद्र सिंह व बीरेंद्र सिंह ने कभी किसानों से बात नहीं की। उचाना में कोई भी विकास कार्य नहीं करवाए। बृजेंद्र सिंह तो कभी लोगों से मिले भी नहीं। इसलिए उन्होंने सांसद गुम होने के पोस्टर भी लगाए थे। अब इनको भाजपा की टिकट नहीं मिली तो यह कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस नेताओं से दिल्ली में मुलाकात करके कहा जाएगा कि वह हिसार लोकसभा से इन दोनों में से किसी को भी टिकट नहीं दे। यदि कांग्रेस ने इनको टिकट दी तो वह उनका विरोध करेंगे।
    चौधरी बीरेंद्र सिंह वर्ष 2014में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।राज्यसभा के रास्ते पहली मोदी सरकार में मंत्री रहे।वर्ष 2019में बेटे को हिसार लोकसभा सीट से टिकट दिलाकर सांसद बनवाया।वर्ष 2024के लोकसभा चुनाव से पहले बीरेंद्र सिंह ने भाजपा पर दवाब बनाया कि हरियाणा में जेजेपी से गठबंधन समाप्त किया जाए। भाजपा ने सरकार चलाने के लिया जेजेपी का समर्थन छोड़ दिया लेकिन इससे पहले ही बृजेंद्र सिंह कांग्रेस में चले गए।बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता उचाना से विधायक रही है। वर्ष 2019के विधानसभा चुनाव में जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने उचाना सीट पर प्रेमलता को हराया था। बीरेंद्र सिंह 2024में अपनी पत्नी को फिर उचाना से लड़ाने के इच्छुक होने के साथ ही भाजपा पर जेजेपी से रिश्ता तोड़ने का दवाब बना रहे थे।

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