आदित्य चौटाला इनेलो में शामिल, डबवाली से उम्मीदवार घोषित
आज नामांकन दाखिल करेंगे आदित्य
राजेंद्र सिंह जादौन
चंडीगढ़, 8 अगस्त। पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के पौत्र आदित्य चौटाला रविवार को इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी में शामिल हो गए। गांव चौटाला में एक बड़ी रैली के जरिए आदित्य देवीलाल चौटाला ने अपने हजारों समर्थकों के साथ इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला की अगुवाई में इनेलो की सदस्यता ग्रहण की। इनेलेा में शामिल होने से पहले आदित्य ने अपने ताऊ एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री . ओमप्रकाश चौटाला का आशीर्वाद लिया।
चौटाला में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में आदित्य देवीलाल ने कहा कि मैं पहले भी जनता की लड़ाई लड़ता रहा हूं और आगे भी जनता की ही लड़ाई लडूंगा। उन्होंने अपने नए फैसले का जिक्र करते हुए लोगों से समर्थन मांगा। इस बैठक के दौरान ही इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने मंच पर आकर आदित्य को इनेलो में शामिल करवाया और डबवाली हल्के से इनेलो-बसपा गठबंधन उम्मीदवार घोषित किया। आदित्य देवीलाल सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इस मौके पर अभय सिंह चौटाला ने कहा कि आदित्य में संघर्ष का माद्दा है। आदित्य ने अपने आप को लोगों को समर्पित कर रखा है। भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष करते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि चौधरी देवीलाल कहां करते थे कि राजनीति में किसी पर विश्वास कर लेना पर इन निक्कर वालों पर कभी विश्वास मत करना। उन्होंने कहा कि भाजपा वाले मौकापरस्त है और मतलब के लिए इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि आदित्य का साथ मिलने से डबवाली विधानसभा सीट पर तो जीत निश्चित हो ही गई है, इसके अलावा अब सिरसा की सभी 5 सीटों पर इनेलो-बसपा उम्मीदवार विजयी होंगे। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि प्रदेश में कोई भी पार्टी सत्ता में नहीं आ रही। ऐसे में इनेलो बसपा गठबंधन 20 से ज्यादा सीट जीत कर प्रदेश की सत्ता में काबिज होगा।
इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने आदित्य को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया और कहा कि सोमवार को आदित्य अपना नामांकन दाखिल करेंगे। डबवाली विधानसभा क्षेत्र पर अब सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं। आदित्य चौटाला पिछले करीब दस वर्षों से डबवाली में सक्रिय हैं और लगातार जनता के बीच रहते हैं। उन्होंने हमेशा ही जनहित के मुद्दों को उठाया है। हरियाणा के अंतिम छोर पर बसे सिरसा की सियासत का मिजाज बड़ा दिलचस्प है। अब चुनावी बिगुल बज चुका है और सियासी शतरंज पर मोहरे सजने शुरू हो गए हैं। सिरसा की 5 सीटों में से डबवाली सीट पर इस बार रोमांचक समीकरण बन रहे हैं। 2019 में यहां से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए 51 हजार वोट लेने वाले आदित्य के इनेलो उम्मीदवार के रूप में सामने आने पर अब यहां पर इनेलो का पलड़ा भारी हो गया है।
आदित्य और इनैलो की जुगलबंदी से विरोधी खेमे में बेचैनी
2 लाख 7 हजार मतों पर आधारित डबवाली विधानसभा सीट पर इनैलो का एक परंपरागत वोट बैंक है और खास बात यह है कि पार्टी के निराशाजनक दौर में भी इस संसदीय चुनाव में इनैलो ने 18 हजार वोट हासिल किए। आदित्य देवीलाल को पिछले चुनाव में 51 हजार वोट मिले थे। ऐसे में इनैलो और आदित्य के वोट का आंकड़ा मिलकर 65 हजार को पार हो जाता है। सियासी पंडितों का मानना है कि इनैलो इस बार सधी हुई रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है। अभय चौटाला जहां फिर से अपने पुराने निर्वाचन क्षेत्र ऐलनाबाद से ताल ठोक रहे हैं तो अर्जुन चौटाला रानियां से उम्मीदवार हैं। रानियां में जिस तरह के समीकरण बने हैं और नैरेटिव सैट हुआ है उससे अर्जुन की एकतरफा जीत तय नजर आ रही है। आदित्य के इनैलो में आने के बाद डबवाली की सीट भी कांग्रेस के लिए चुनौती बन सकती है। वैसे भी आदित्य देवीलाल पिछले लंबे समय से डबवाली से सक्रिय हैं और डबवाली सीट पर चौटाला का दबदबा रहा है। यहां से तीन बार चौटाला गांव के मनीराम विधायक चुने गए तो दो बार उनके बेटे डा. सीताराम विधायक बने। आदित्य देवीलाल और इनैलो की जुगलबंदी यहां पर नया ही गुल खिला सकती है और आदित्य का इनैलो में जाना मौजूदा विधायक अमित सिहाग के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है। इनैलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने संगठन का विस्तार किया है और पार्टी को संजीवनी देने का काम किया है। गौरतलब है कि आदित्य देवीलाल 2014 में भाजपा में आए थे। मार्च 2019 में आदित्य को हरियाणा स्टेट कोऑप्रेटिव एग्रीकल्च एंड रुरल डेवलपमैंट बैंक लिमिटेड का चेयरमैन बनाया और इसके बाद अगस्त 2020 में आदित्य को पार्टी का सिरसा जिला इकाई का अध्यक्ष बना दिया।
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